मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. हालांकि आजम खान की जमानत में अखिलेश यादव का कोई हाथ नहीं है।
अखिलेश यादव पर साधा निशाना
आजम खान की जल्द रिहाई की ख़बर सुनकर समाजवादी पार्टी को भले ही कोई ख़ास फ़र्क़ न पड़ा हो। लेकिन बरेली सुन्नी मुसलमानों की सबसे बड़ी दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने जहां एक ओर आजम खान को जमानत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया अदा किया है तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव को तलाक़ दें आजम खान
मौलाना शहाबुद्दीन ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि – “जेल से रिहा होने के बाद आजम खान समाजवादी पार्टी से कोई रिश्ता न रखें और अखिलेश यादव को तलाक़-तलाक़ -तलाक़ दे दें।”
योगी को लिखा पत्र
दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा है कि आजम खान की रिहाई के लिए उन्होंने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था. उन्होंने योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया अदा किया है.
आजम खान को मेहर की रकम अदा करनी होगी
गोया कि अब एक बड़ी दरगाह के मौलाना साहब ख़ुद आजम खान साहब को यह मशवरा दे रहे हैं कि वह जल्द से जल्द अखिलेश यादव को तलाक़ दे दें। जाहिर है कि अगर आजम खान मौलाना साहब के मशवरे पर अमल करके तलाक़नामा तैयार करवा लेते हैं तो इस्लामी कानून के मुताबिक आजम साहब को मेहर की रक़म भी अदा करनी होगी। और फिलवक्त मेहर लौटाने का मतलब है कि आजम साहब को इस्तीफा देना होगा।
हलाला कौन करेगा
लेकिन दिक़्क़त यह है कि अगर अभी जज्बातों में बहकर और मौलाना साहब जैसे ग़ैर-सियासी लोगों के चक्कर में पड़कर आजम साहब ने अखिलेश यादव को तलाक दे दिया, और कल की तारीख़ में उन्हें फिर अपनी महबूबा यानी समाजवादी पार्टी से दोबारा निक़ाह करने की जरूरत पेश आन पड़ी तो सवाल यह उठता है कि अखिलेश यादव से हलाला कौन करेगा?
बिना हलाला के दोबारा निकाह नहीं होगा
क्योंकि मज़हबी कानून के मुताबिक बिना हलाला के आजम साहब समाजवादी पार्टी से दोबारा निकाह नहीं कर पाएंगे।
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