अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने २०१२ में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी घोषणा-पत्र में यह घोषणा की थी कि “बेगुनाहों को आतंकवादी मुकदमों से रिहा कराया जायेगा. और उनके मुकदमें वापस लिए जायेंगे.
जब अखिलेश सरकार को कोर्ट ने फटकार लगाई
७ मार्च २००६ को वाराणसी के संकट मोचन मन्दिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. २०१२ में बनी अखिलेश सरकार ने इस मामले में बम स्टोर करके रखने वाले आरोपितों वलीउल्लाह और शमीम पर से केस हटाने के लिए कदम उठाये थे. जिस कारण उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार सुननी पड़ी थी. वलीउल्लाह एक मौलवी था और शमीम उसका शागिर्द. . इस साजिश में 21 लोग मारे गए थे.
पेशे से वकील और एक सामाजिक कार्यकर्ता नित्यानंद चौबे के अनुसार जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस आर एस आर मौर्या की खंडपीठ ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार से बेहद तल्ख़ टिप्पणी में पुछा था कि “संदिग्ध आतंकियों पर से मुकदमा हटाने के पहल कर क्या सरकार आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दे रही है. आज आप आतंकियों को छोड़ देंगे, तो क्या कल उनको पद्मविभूषण से भी नवाज देंगे?
माननीय उच्च न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में आगे कहा कि – यह कौन तय करेगा कि आतंकवादी कौन है. जब मामला न्यायालय में है तो अदालत को ही तय करने दीजिये. सरकार कैसे तय कर सकती है कि आतंकी कौन है.
रामपुर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमले के आरोपियों पर अखिलेश मेहरबान
31 दिसम्बर 2007 में रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप के हमले में देश के 7 वीर जवान शहीद हुए थे. इस हमले के अरोपियों पर भी अखिलेश सरकार मेहरबान हुई थी. तत्कालीन अखिलेश सरकार ने रामपुर के जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी. प्रशासन ने यह रिपोर्ट दी थी कि यह मुकदमा वापस लेना ठीक नहीं रहेगा. यह गम्भीर मामला है और मुकदमा अदालत में विचाराधीन है.
उल्लेखनीय है कि इस हमले के चार आरोपितों को माननीय न्यायालय ने सजा-ए-मौत, एक आतंकी को उम्रकैद, एक अन्य को दस साल की सज़ा सुनाई थी. जबकि दो आरोपियों पर आरोप साबित नहीं हो पाया था.
योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश पर लगाये गम्भीर आरोप
उतर प्रदेश के उन्नाव में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गुजरात के सीरियल ब्लास्ट मामले में न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है, इसमें मृत्युदंड प्राप्त करने वाले एक आतंकी का सम्बन्ध दुर्भाग्य से आजमगढ़ से है और उसके परिवार का सम्बन्ध सपा से है. मुख्यमंत्री योगी ने पीलीभीत में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा था, “नई हवा है, वही सपा है, सपा का हाथ, आतंकियों के साथ.”
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी साधा था निशाना
18 फरवरी 2022 को अहमदाबाद बम ब्लास्ट के मामले में कोर्ट ने 49 में से 38 आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई थी. कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि आरोपियों में से एक का नाम मौहम्मद सैफ है, जो सपा नेता शादाब अहमद का बेटा है. उन्होंने दो तस्वीरें भी दिखाई, जिनमें उसे अखिलेश यादव के साथ देखा जा सकता है. अनुराग ठाकुर ने पूछा था कि क्या अखिलेश यादव ने उसे बिरयानी खाने के लिए बुलाया था? शादाब अहमद का बेटा इस बम ब्लास्ट में शामिल था और मास्टरमाइंड भी था.
गोरखनाथ मन्दिर पर हमले करने वाले आतंकी को बताया आतंकी
6 अप्रैल, 2022 को अखिलेश यादव ने गोरखनाथ मन्दिर पर हमला करने वाले आतंकी मुर्तजा अब्बासी बचाते हुए उसे मनोरोगी बताया. अखिलेश ने अपने बयान में कहा, “उसके पिता ने बताया था कि उसे एक मानसिक समस्या है, इस तरह के बाईपोलर मुद्दे से निपटने के लिए मुझे लगता है कि हमें उस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो चीजों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करती है.