अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में जितेंद्र कुमार नामक एक प्रोफेसर ने बलात्कार के मुद्दे पर बनाए गए प्रजेंटेशन में हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक बातें लिखी हैं। सोशल मीडिया पर स्लाइड की तस्वीर आने पर हंगामा मचा तो AMU प्रशासन और फेकल्टी ऑफ मेडिसिन ने असिस्टेंट प्रोफेसर जितेंद्र कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रोफेसर पर स्टूडेंट्स, स्टाफ और नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान के बाद माफ़ी
कई लोगों ने AMU के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार की ट्विटर के जरिए पुलिस से शिकायत की है। हिन्दू देवी-देवताओं पर बेहद आपत्तिजनक बातें लिखने को लेकर लोग AMU और प्रोफेसर की निंदा कर रहे हैं। पुलिस से कड़ी कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। इस बीच प्रोफेसर अपने कुकृत्य के लिये क्षमा याचना कर रहा है।
हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का मामला पहला नहीं है

भारत में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का यह मामला न तो पहला है और न ही आखिरी। इससे पहले भी मक़बूल फिदा हुसैन नामक एक चित्रकार ने भारत में रहते हुए हिन्दू देवी-देवताओं की अश्लील और नग्न पेंटिंग्स बनाईं। हुसैन ने सन 1970 में ये पेंटिंग बनाई थीं मगर इन पेंटिंग को ‘विचार मीमांसा’ नाम की पत्रिका में साल 1996 में छापा गया था. इसका शीर्षक दिया गया, ‘मकबूल फिदा हुसैन-पेंटर या कसाई’।
प्रभु श्रीराम को भी काल्पनिक बता दिया था
2008 में यूपीए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर रामसेतु को काल्पनिक करार देते हुए कहा, “वहां कोई पुल नहीं है। ये स्ट्रक्चर किसी इंसान ने नहीं बनाया। यह किसी सुपर पावर से बना होगा और फिर खुद ही नष्ट हो गया। इसी वजह से सदियों तक इसके बारे में कोई बात नहीं हुई। न कोई सुबूत है। अर्थात दूसरे शब्दों में देश की सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी कांग्रेस ने हिंदुओं के आराध्य देव पुरुषोत्तम श्रीराम को काल्पनिक बताते हुए हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाया था।
टीएमसी सांसद ने भी किया था अपमान
ममता बनर्जी की पार्टी के नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने माता जानकी के बारे में कुछ इस तरह कहा था कि ‘यह तो अच्छा हुआ कि राम की पत्नी सीता को रावण ने अगुवा किया, अगर कहीं उसके चेलों ने अपहरण किया होता तो सीता की क्या हालत होती’।
मसखरों ने भी बनाया उपहास का पात्र

मुन्नवर फारूखी नामक एक मामूली से मसखरे ने हिन्दू देवी-देवताओं का ख़ूब खुलकर उपहास उड़ाया था।
भगौड़े ज़ाकिर हुसैन ने भी हिंदुओं की आस्था का अपमान किया
भगोड़े ज़ाकिर हुसैन ने तो हमेशा ही हिंदुओं की आस्था, हिन्दू धर्म और हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया और खुलेआम हिन्दूओं के पवित्र ग्रन्थों पर अनाप-शनाप बोला।
कई फिल्मी भांडों और स्वघोषित बुद्धिजीवियों सहित वामपंथी और कांग्रेसी नेताओं ने भी हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
जावेद हबीब ने भी किया था अपमान

मशूहर हेयर स्टायलिस्ट जावेद हबीब के एक विज्ञापन में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का मामला सामने आया था। विज्ञापन में लिखा गया था कि भगवान भी हमारे यहां हमारी सेवाएं लेने आते हैं। जारी किए गए विज्ञापन में हिंदू देवी दुर्गा, कार्तिक, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश जावेद हबीब के पार्लर में अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आ रहे थे।
आज का हिन्दू शिखंडी से भी बदतर है
लेकिन हिन्दू समाज केवल मूकदर्शक ही बना रहा। लाचार और बेबस बना अपने ही धर्म का मज़ाक बनते हुए देखता रहा। हिंदुओं को सम्राट अशोक औऱ उसके बाद महात्मा गांधी ने तीन बन्दर बनाकर छोड़ दिया। जो न कुछ देख सकते हैं, न सुन सकते हैं और न ही कुछ बोलना चाहते हैं। कुल मिलाकर हिन्दू “शिखंडी” बनकर रह गए हैं। हालांकि शिखंडी ने भी अपने अपमान का बदला ले लिया था। लेकिन आज का हिन्दू समाज तो शिखंडी से भी गया-गुजरा है। न जाने कब यह गूंगा समाज बोलना सीखेगा।
AMU के प्रोफेसर जितेन्द्र को अरेस्ट करके उसे सख्त से सख्त सजा दिया जाय😡😠😡😠😡
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