बुरा मानो या भला
मशहूर शायर जनाब मीर तक़ी मीर साहब का एक शेर है।
इब्तिदा-ए-इश्क़ है रोता है क्या
आगे-आगे देखिए होता है क्या
क़ाफ़िले में सुबह के इक शोर है
यानी ग़ाफ़िल हम चले सोता है क्या
इस शेर का यथार्थ देखना है तो आप जिला बिजनौर आइये। यहां पर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी साहब के बीच राजनीतिक इश्क़बाज़ी को लेकर जो गठबंधन हुआ। वह वास्तव में इस शेर की सच्चाई को अक्षरश: बयान करता है।
जनपद बिजनौर में गठबंधन बना लट्ठबंधन
बिजनौर, बढ़ापुर और चांदपुर विधानसभाओं में जिस प्रकार से गठबंधन के टिकट को लेकर सम्भावित प्रत्याशियों में आपस में लट्ठ चल रहे हैं। उससे सपा+लोकदल का गठबंधन अब “लठ्ठबंधन” में बदल गया है। टिकट को लेकर सपा और लोकदल नेताओं में जिस प्रकार की रस्साकशी हुई है, उससे पूरे जनपद में गठबंधन की थुक्का फजीती ही हुई है।
सपा नेता ने किया विधवा विलाप
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडीयो ख़ूब वायरल हाउस जिसमें एक मुस्लिम छुटभैये सपा नेता कथिततौर पर गठबंधन का टिकट न मिलने पर ज़ोर-ज़ोर से छाती पीट-पीटकर विधवा- विलाप करते हुए नज़र आ रहे हैं। बाद में यह नेताजी अपनी सफाई देते हुए, इतना झाड़ पर चढ़ जाते हैं कि यह कहते हैं कि मेरी आँख भी अखिलेश को देखकर खुलती है,और बन्द भी उन्हें ही देखकर होती है।
गठबंधन पार्टी में चमचा बड़ा है
लानत है ऐसे मुसलमानों पर जो अल्लाह की इबादत छोड़कर किसी इंसान को इस कदर याद करते हों। लेकिन यह गठबंधन पार्टी है साहब, यहां तो जो जितनी बड़ी चमचागिरी कर लेगा, वह उतना ही बड़ा नेता कहलायेगा।
आकाओं की चरण वन्दना सबसे बड़ी योग्यता
सपा और कांग्रेस में आकाओं की “चरण-वन्दना” और उनकी “चाटुकारिता” ही सबसे बड़ी योग्यता दिखाई देती है। ऐसा हम नहीं कह रहे, बढ़ापुर वाले नेताजी ने खुद ही साबित कर दिया।
गठबंधन टिकट को लेकर घमासान
बिजनौर में तो दो-दो नेताओं के बीच घमासान चल रहा है, और दोनों ही अपने पास सिम्बल दिखा रहे हैं। चांदपुर में स्वामी ओमवेश जी, रफी सैफ़ी साहब और मौहम्मद इकबाल साहब के बीच ख़ूब रस्साकशी चल रही है। जिसमें कभी स्वामी ऊपर तो कभी रफ़ी सैफ़ी फोटो खिंचवाते नज़र आ रहे हैं।
दावा सब कर रहे, सिम्बल किसी पर नहीं है
चांदपुर के हर गली, हर मौहल्ले में यही शोर है कि टिकट किसे होगा। कभी किसी के समर्थक मिठाइयाँ बांटते हैं, तो कभी किसी के समर्थक “अखिलेश भैया” को बुरा-भला कहते नज़र आ जाते हैं।
यह भी पढ़ें- क्या स्वामी ओमवेश के आने से बसपा मज़बूत होगी और भाजपा कमज़ोर
दावा सब कर रहे हैं, लेकिन सिम्बल कोई नहीं दिखा रहा है। सच किसी को नहीं पता, लेकिन भविष्यवाणी सभी कर रहे हैं। अखिलेश यादव से लेकर जिले स्तर के नेता तक, सब भ्रमित हैं।
सच तो नीली छतरी वाला ही जाने
यह भी पढ़ें- इन सपा नेताओं का अहंकार सातवें आसमान पर है
बहरहाल, अब सच तो बस वही नीली छतरी वाला ही जानता है। लेकिन एक सच हम भी जानते हैं, और वह यह कि जो अपने बाप का न हुआ, वह किसी और का क्या होगा।।
Just wait & watch