पूर्व बसपा विधायक इक़बाल उर्फ़ इक़बाल ठेकेदार को मुस्लिम समाज का मज़बूत नेता माना जाता है। 2007 से 2017 तक लगातार 10 वर्षों तक क्षेत्र में मौहम्मद इक़बाल का इक़बाल बुलंद रहा है।
मौहम्मद इक़बाल को चुनाव जरूर लड़ना चाहिए
आज भी क्षेत्र का मुस्लिम समाज यह चाहता है कि 2022 में इक़बाल चुनाव जरूर लड़ें। अभी कुछ समय पहले कई मुस्लिम संगठनों और ग्राम प्रधान आदि ने इक़बाल के नेतृत्व में अपना विश्वास भी जताया है।
इक़बाल किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे
लेकिन इस सबके बावजूद अभी भी यह संशय बरकरार है कि इक़बाल किस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
इक़बाल बसपा लोकसभा प्रभारी बनाये गए
दरअसल, इक़बाल को बहुजन समाज पार्टी का सबसे मजबूत प्रत्याशी माना जाता रहा है। क्योंकि 2007, 2012 और 2017 में इक़बाल बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें से 2007 और 2012 में लगातार वह दो बार चुनाव जीते और 2017 में वह दूसरे स्थान पर रहे। 2019 में भी उनको बसपा से लोकसभा प्रभारी बनाया गया था।
आज भी इक़बाल के निवास और गाड़ी पर नीला झंडा ही लहराता हुआ नज़र आता है।
शहर में चर्चा है कि….
उधर शहर में चर्चा है कि इक़बाल सपा-लोकदल के गठबंधन से टिकट मांग रहे हैं। हालांकि गठबंधन का टिकट स्वामी ओमवेश को मिलने का दावा किया जा रहा है। इसके बावजूद भी कई लोगों का मानना है कि इक़बाल को गठबंधन का टिकट मिल सकता है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि….
लेकिन इक़बाल के शुभचिंतक और राजनीतिक पंडित कुछ लोगों की इस राय से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते कि इक़बाल को गठबंधन का टिकट लेना चाहिए।
उनका मानना है कि इक़बाल जैसे दिग्गज मुस्लिम नेता के लिए बेहतर होगा कि वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ें।
यहां यह उल्लेखनीय है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने डॉ. शकील हाशमी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
अंतिम निर्णय इक़बाल ठेकेदार को लेना है
लेकिन यहां सबसे महत्वपूर्ण निर्णय ख़ुद इक़बाल ठेकेदार को ही लेना होगा। इक़बाल एक बेहद अनुभवी और सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। इसीलिए यह माना जा रहा है कि वह जो भी निर्णय लेंगे वही अंतिम निर्णय होगा।

बहरहाल, अब देखना यह है कि मौहम्मद इक़बाल का ऊंट किस करवट बैठेगा।
हम तो मौहम्मद इक़बाल साहब की नज़र राहत इंदौरी साहब का एक शेर करना चाहेंगे-
नई दुकानों के चक्कर में मत पड़।
वरना घर का सामान भी सड़कों पे आ जाएगा।।
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