नारनौर घाट पर गंगा स्नान मेला
सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा नारनौर घाट पर गंगा स्नान मेला हस्तिनापुर व मवाना प्रशासन द्वारा न लगवाए जाने की घोषणा पर सनातन परम्पराओं के सामने मवाना प्रशासन झुका। परंपरागत भव्य ऐतिहासिक मेला सकुशल संपन्न हुआ।
नारनौर गांव नदी में बह गया था
बिजनौर जिले की चांदपुर तहसील में ब्लॉक जलीलपुर अंतर्गत एक ग्राम नारनौर आता है । नारनौर के पास गंगा नदी का अविरल प्रवाह हो रहा है। सन 1947 व 1957 में आई भीषण बाढ़ के कारण नारनौर गांव बाढ में बह गया था। जो बाद में ग्राम खानपुर खादर की आराजी में आबाद हुआ।
गंगा नदी पर बने पुल से उठा सीमा विवाद
गंगा जी पहले तो बिजनौर जिले में ही बहती थी परंतु समय-समय पर कटान के कारण गंगा जी का प्रवाह मेरठ जनपद की सीमा में चला गया। परंतु कार्तिक पूर्णिमा व ज्येष्ठ मास की दशमी को लगने वाला गंगा स्नान का मेला बिजनौर जिले की ओर ही गंगा जी के पूर्वी छोर पर लगता चला आ रहा है।
वर्ष 2021 में गंगा नदी पर बने पुल (जो चांदपुर से मेरठ को जोड़ रहा है) ने सीमा विवाद पैदा कर दिया। इसी सीमा विवाद के चलते 11 नवम्बर को मवाना एसडीएम ने कहा कि हम गंगा जी के पूर्वी छोर पर मेरठ की सीमा होने के कारण मेला नहीं लगने देंगे ।
पुलिस का अभद्र व्यवहार
आयोजकों द्वारा मेले की तैयारी की गई परंतु हस्तिनापुर पुलिस के अभद्र रवैये के कारण 15 नवंबर को जिस स्थान पर मेले की तैयारी की जा रही थी । वह स्थान छोड़ना पड़ा था। एस डी एम मवाना से लम्बी वार्ता का नतीजा शून्य रहा ।
कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला आस्था एवं भावनाओं के न रुक सका। नव-निर्मित गंगा जी के पुल से 2 किलोमीटर पहले उत्तर दिशा में बिजनौर की ओर गंगा जी के घाट पर कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान का मेले लगाया गया। जो ऐतिहासिक एवं भव्य रूप में सकुशल संपन्न हुआ ।
एस0ओ0 हस्तिनापुर द्वारा मेला आयोजित होने पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी गई। हस्तिनापुर थाने के एसआई मनीराम सिंह व तीन पुलिसकर्मियों ने हालात खराब करने में कोई कसर नहीं छोडी । एस0ओ0 की धमकी पर मैंने हिम्मत नहीं हारी ।
जन्मभूमि का कर्ज चुकाया
मेरी जन्मभूमि गंगा किनारे बसे ग्राम नारनौर है । मेरे लिए एक मौका था, अपनी जन्मभूमि का कर्ज चुकाने के लिए। मैं अड़ गया और मैंने मेला लगवाने के लिए भाजपा के जिलामंत्री अभिषेक उपमन्यु एवं क्षेत्रीय मंत्री कमल कश्यप का सहयोग लिया। मेरे अनुरोध पर ब्लाक प्रमुख जलीलपुर कुन्तेश देवी एवं उनके पुत्र कपिल चौधरी व विनीत लांबा ने पूरा प्रयास किया। सभी ने मेले को भव्य रूप में लगवाया। ग्राम नारनौर के प्रधान पुत्र रवि सैनी की टीम ने भी इस संघर्ष में पूरा साथ दिया ।सभी का हृदय से आभार ।
एसडीएम चांदपुर का रहा सहयोग
चांदपुर की तहसीलदार श्रीमती चन्द्रकान्ता ने लोगों की आस्था,भावनाएं समझकर तथा पुरानी परंपरा के अनुसार मेला लगाए जाने का समर्थन किया तथा पुलिस उपाधीक्षक चांदपुर शुभ सूचित ने पुलिस फोर्स भेजकर मेले को सकुशल संपन्न कराया। दोनों अधिकारियों का हृदय से आभार । पांडव नगर पुलिस चौकी इंचार्ज रविंद्र उपाध्याय अपनी फोर्स के साथ मेले में डटे रहे। बहुत बड़ा योगदान रहा ।
मेला 17 ,18 व 19 नवंबर 2021 को विशाल रूप में लगा। मेले मे लाइट ,डेकोरेशन ,पंडाल ,रेन बसेरा ,जागरण पार्टी, बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले ,मिकी माउस, व सैकडो आकर्षक दुकाने लगी थी ।
योगी जी की कार्यशैली से ही सम्भव हुआ
चुनाव का माहौल है ।टिकट मांगने वालो की लाइन लगी है। जानने के बाद भी उपरोक्त तीनों भाजपा नेताओं के अलावा किसी ने मदद नहीं की। विधायक बनने के बाद क्षेत्र के लिए क्या कर सकते हैं ? इसका अनुमान गंगा मेले के लिए किए गये संघर्ष से ही लगा सकते हैं।
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परम्पराओं को जीवित रखा
यह सब भाजपा सरकार मे माननीय योगी आदित्यनाथ जी की कार्यशैली से ही संभव हुआ ।अन्यथा नारनौर घाट पर गंगा स्नान का मेला नहीं लगता । केवल मेला योगी आदित्यनाथ जी की सनातन भावनाओं के कारण लगा हैं। इसके आगे मवाना प्रशासन को पीछे हटना पड़ा ।
कुल मिलाकर सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा को संघर्ष करके जीवित रखा गया । विरोधी परास्त हुए।अगर मेला नहीं लगता तो नई परंपरा मानते हुए भविष्य में अनुमति नहीं मिलती।
–अजय कुमार कौशिक
पूर्व उप सम्पादक /पंचायत सदस्य
प्रबंधक ,एसआरके शिक्षा संस्थान,
ग्राम नारनौर ब्लॉक जलीलपुर, तहसील चांदपुर जिला बिजनौर
उत्तर प्रदेश ।
पिन – 246725