आजकल जिधर देखो उधर आपको एक शब्द मिलेगा “भाईचारा”। सोशल मीडिया पर कई मौकापरस्त और सत्तालोलुप इस भाईचारा शब्द का “सदुपयोग” करते हुए मिल जाएंगे।
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भाईचारा शब्द को राजनीतिक हथियार बना रखा है
मज़े की बात है कि कल तक जो लोग अपने ही भाइयों को चारा बना रहे थे, वही आजकल भाईचारा शब्द को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में भी भाईचारा हुआ था
अभी कुछ समय पहले की ही बात है जब पश्चिम बंगाल में भाईचारा का नारा लगाया जा रहा था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्हीं भाइयों को चारा बना दिया गया।
मुजफ्फरनगर में दो भाइयों को चारा बनाया गया
2013 में भी मुजफ्फरनगर जिले में ठीक इसी प्रकार से दो युवा भाइयों को भी चारा बनाया गया था। इन दोनों भाइयों का कसूर केवल इतना भर था कि वह राखी की लाज रखना चाहते थे। उसके बाद जो भीषण रक्तपात हुआ, वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। आज फिर से वहां भाईचारा ख़ूब चर्चा में है।
कश्मीरी पंडितों को इसी भाईचारे की भेंट चढ़ाया गया
कश्मीर में भी पहले ख़ूब भाईचारे का ढोल पीटा गया था, उसके बाद मौक़ा मिलते ही लाखों कश्मीरी ब्राह्मण परिवारों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनकी बहन-बेटियों की इज्ज़त-आबरू लूट ली गई, और उन्हें घर से बेघर कर दिया गया।
CAA-NRC के दंगों को भला कौन भूला है
अभी हाल ही में CAA-NRC को लेकर पूरे देश में तोडफ़ोड़-आगजनी हुई। दंगाइयों ने सरकारी और गैर-सरकारी सम्पत्तियों को आग के हवाले कर दिया। हजारों की हिंसक भीड़ ने सड़कों पर उतरकर ख़ूब उत्पात मचाया। देश के मुख्यमार्गों को महीनों तक जाम कर दिया गया।
अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से गोदा गया
देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से गोदा गया और उसकी लाश को नाले में फेंक दिया गया। क्या वह भाईचारा था या भाई को चारा बनाया गया था? जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी के एक मुस्लिम नेता के घर से तबाही का सामान बरामद हुआ, वह भाई चारे को तो प्रदर्शित नहीं करता है।
प्रभु श्रीराम को कोसने वाले आज भाईचारा निभा रहे हैं
और तो और श्रीराम मंदिर को तोड़ने की धमकी और प्रभु श्री राम को बार-बार अपमानित करने वाले वही लोग थे जो आज भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब की दुहाई देते घूम रहे हैं।
भेड़ की खाल में भेड़िये
आतंकियों, गुंडों, माफियाओं और दंगाइयों के पैरोकार आज भाईचारे का लबादा ओढ़कर घूमते हुए, कुछ ऐसे लग रहे हैं कि जैसे भेड़ की खाल में भेड़िया घूम रहा हो।
इतिहास से सीखना होगा
जिस मौहम्मद गौरी को 17 बार हराने के बावजूद पृथ्वीराज चौहान ने छोड़ दिया था, उसी मौहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान की आँख निकलवा दी थीं। लेकिन दिक़्क़त यह है कि कुछ लोग इतिहास को तोते की रट तो लेते हैं लेकिन सीखते कुछ नहीं हैं। हमें अपने पुरखों के इतिहास से सीखना होगा। भाईचारा बनाये रखना कोई गलत बात नहीं है। परन्तु ताली दोनों हाथों से बजनी चाहिए।
हिंदू और मुस्लिम नदी के दो किनारे हैं जो कभी नहीं मिल सकते, लेकिन……….
वामपंथी और लिबरल गैंग की हिन्दू विरोधी मानसिकता
हिंदुओं का यह विचार कि हिन्दू और मुसलमान एक राष्ट्र हैं, टिक नहीं पाता-बाबा साहेब अंबेडकर