आजकल राजनीतिक गलियारों से लेकर आतंकियों के महलों तक “बाबा का बुल्डोजर” की चर्चा हो रही है। उत्तरप्रदेश में आतंकियों और अपराधियों को शरण देने वाले राजनीतिक दलों और जिन्नावादियों में बाबा के बुल्डोजर का आतंक स्पष्ट रूप से नज़र आ रहा है।
बुल्डोजर की महत्ता पर बोले योगी बाबा
बीते विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपनी रैलियों में लगातार बुलडोजर का जिक्र करते रहे हैं.
गाजीपुर की एक सभा में उन्होंने कहा था,
“इसी जिले में बीजेपी के नेता की हत्या हुई. सपा ने अपराधियों के सामने घुटने टेके थे. जो सपा के समय तमंचा लहराते थे, आज वे कीड़े की तरह रेंगते हैं. व्हीलचेयर पर आज वे अपराधी जान की भीख मांगते हैं.”
-योगी आदित्यनाथ
बुल्डोजर बाबा बुल और डॉग से खेलेंगे
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर वाले बयान पर पलटवार करते हुए एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
“बुलडोज़र बाबा अब खाली होकर ‘बुल और डॉग’ से खेलेंगे…”
अवैध सरकार पर बुल्डोजर कब चलेगा
मीडिया से बातचीत करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा –
“सरकार अवैध बनी है। बिना वैध-अवैध का फैसला हुए घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि ये संविधान को नहीं मानते। महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये सब हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि अवैध बनी सरकार पर बुलडोजर कब चलेगा ?”
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश की पहचान वसुधैव कुटुम्बकम है। क्या भारतीय जनता पार्टी और सरकार इस पहचान को नहीं मिटा रही। जो परिवार मिलकर रहे हैं, उनके घर तोड़े जा रहे हैं। बिल्डिंग तोड़ी जा रही हैं। कौन देखेगा इसे। क्या लोगों को न्याय मिलेगा या नहीं मिलेगा।
भाजपा बुल्डोजर को ही अपना प्रतीक बना ले
अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने एक ट्वीट में कहा कि “भाजपा ने बुलडोज़र को अपनी ग़ैरक़ानूनी ताक़त दिखाने का प्रतीक बना लिया है। मुसलमान व अन्य अल्पसंख्यक, पिछड़े व दलित इनके निशाने पर हैं। अब तो इनके उन्माद का शिकार हिंदू भी हो रहे हैं। भाजपा दरअसल संविधान पर ही ये बुलडोज़र चला रही है।
भाजपा बुलडोजर को ही अपना प्रतीक चिन्ह बना ले।”
अखिलेश यादव को बुल्डोजर- फोबिया हो गया है
अखिलेश यादव के बयानों और ट्वीट्स से कभी-कभी ऐसा लगता है कि कहीं उन्हें ” बुल्डोजर- फोबिया” तो नहीं हो गया है।
दरअसल, अखिलेश यादव को चिंता वैध-अवैध घरों के गिरने की नहीं है, बल्कि उनकी सबसे बड़ी चिंता मुस्लिम वोटर्स को अपने साथ जोड़े रखने की है। क्योंकि 2022 विधानसभा चुनावों में मुस्लिम समाज ने एक बड़ी तादाद में सपा को थोक के भाव वोट किया था। लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात निकला और कट्टरपंथियों की लाख कोशिशों के बावजूद अखिलेश यादव बहुमत से कोसों दूर रह गए।
सपा का मुस्लिम वोटबैंक खिसक रहा है
इधर सपा के सबसे कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खान की हालत लगातार पतली होती जा रही है, और उनके समर्थकों में अखिलेश यादव के रवैये को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। जिसके चलते मुस्लिम समाज का भी अब सपा से मोहभंग होता दिखाई दे रहा है। मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद के गुर्गों पर बाबा का बुल्डोजर कहर बरपा रहा है।
इधर कट्टरपंथी समाज असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की ओर धीरे-धीरे आकर्षित हो रहा है। उधर आम आदमी पार्टी की ओर भी मुस्लिम समाज का रुझान बढ़ा है। इस सबने अखिकेश यादव की चिंता को और बढ़ा दिया है। खुद उनका अपना यादव वोट भी उनसे लगातार दूरी बनाए हुए है।
कुल मिलाकर इस समय बाबा का बुल्डोजर अखिलेश यादव की बौखलाहट को लगातार बढ़ा रहा है और इस बुल्डोजर को रोकने का कोई उपाय अखिलेश और उनके शुभचिंतकों को नहीं सूझ रहा है।
सपा का सफाया होने की उम्मीदें बढ़ रहीं
बहरहाल, कुल मिलाकर बाबा का बुल्डोजर सपा का सफाया करने में लगा हुआ है। आगे जैसी ईश्वर ईच्छा।