भारतीय जनता पार्टी के एक जुझारू युवानेता और पूर्व नगर अध्यक्ष पल्लव अग्रवाल का कहना है कि उत्तरप्रदेश में श्री नरेन्द्र मोदी और आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की जबरदस्त लहर चल रही है।
उत्तरप्रदेश में योगी-मोदी लहर जारी
“शास्त्री सन्देश” से हुई एक टेलीफोनिक वार्तालाप में भाजपा युवानेता पल्लव अग्रवाल ने यह बात उस समय कही जबकि उनसे पूछा गया कि विपक्ष का मानना है कि 2017 में जो “मोदी लहर” चल रही थी। वह अब समाप्त हो चुकी है। इस पर उत्तर देते हुए पल्लव अग्रवाल ने कहा कि उत्तरप्रदेश में पहले केवल मोदी लहर चल रही थी। लेकिन अब मोदी और योगी की लहर चल रही है।
इसे भी पढ़ें – चांदपुर विधानसभा में भाजपा के टिकट को लेकर चैमेगुइयाँ प्रारम्भ
क्या उत्तरप्रदेश में मोदी का दौर खत्म हो चुका है
दरअसल, 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। जहां एक ओर विपक्ष का मानना है कि उत्तरप्रदेश में मोदी का दौर ख़त्म हो चुका है। और मोदी लहर अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है।
इसे भी पढ़ें- पप्पू चेयरमैन साहब भाजपा से चुनाव लड़ना है तो कपिल चौधरी बनना होगा
विपक्ष की सोच नकारात्मक है
तो वहीं दूसरी ओर सत्तापक्ष के नेताओं का यह मानना है कि विपक्ष हमेशा से ही तुष्टिकरण और परिवारवाद की राजनीति करता चला आया है। इसके चलते उसकी सोच नकारात्मक हो चुकी है। और वह लगातार निराशावादी विचारधारा को ही अपनाए हुए है। जहाँ विपक्ष गिलास को आधा खाली बताने पर तुला है। वहीं दूसरी ओर सत्तापक्ष उसे आधा भरा हुआ बता रहा है।
इसे भी पढ़ें- विकास गुप्ता उर्फ़ रॉकी भी टिकट के प्रबल दावेदार
सपा अखिलेश भैया की लहर चला रही
हालांकि यह तो 2022 में तय होगा कि कौन सही है और कौन ग़लत। लेकिन अभी वर्तमान में यह बात सुनिश्चित है कि प्रत्येक पार्टी को अपना घर हरा-भरा ही नज़र आ रहा है। जहां समाजवादी पार्टी को लग रहा है कि उत्तरप्रदेश में अखिलेश भैया की लहर चल रही है। तो वहीं कांग्रेस को श्रीमती प्रियंका गांधी की हरियाली दिखाई दे रही है।
इसे भी पढ़ें- देश के युवा वर्ग को समर्पित एक युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रम
उत्तरप्रदेश में माया लहर के सहारे चुनावी वैतरणी पार करेंगे
उधर बहुजन समाज पार्टी लगातार “माया लहर” के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने का मन बना रही है। वैसे अगर देखा जाए तो उत्तरप्रदेश में किसी को भी न तो सही ठहराया जा सकता है और न ही ग़लत ही बताया जा सकता है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग अलाप रही हैं।
इसे भी पढ़ें- अमृत महोत्सव पर बोले डॉ. अनिल सिंह- सांस्कृतिक राष्ट्र ही भारत है
सावन के अंधे को हरा हरा ही नज़र आता है
परन्तु एक बात हम जरूर कह सकते हैं कि सावन के अंधे को हर ओर हरा-हरा ही नज़र आता है। अब देखना केवल यह है कि आख़िर सावन का अंधा कौन है? किसका बगीचा सावन देखेगा और कौन पतझड़ देखता रह जायेगा।
इसे भी पढ़ें- मोदी के नेतृत्व में विश्वपटल पर भारत ने अपनी एक नई पहचान बनाई है-श्रीमती आभा सिंह