उत्तरप्रदेश में ब्राह्मणों का एक वर्ग यह शोर मचाता हुआ घूम रहा है कि योगी सरकार में ब्राह्मणों का बहुत अपमान हुआ है और उनके फर्जी एनकाउंटर भी किये गए हैं। कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे कुछ स्वयंभू ब्राह्मण हितैषी संगठन भी आम जनता को यह कहकर भ्रमित कर रहे हैं कि यदि ब्राह्मणों का हित चाहिए तो सपा को समर्थन देना चाहिए। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या ये समाजवादी भक्त ब्राह्मण हमारे निम्न प्रश्नों का उत्तर दे पाएंगे।
2013 में इटावा में ब्राह्मण परिवार को नँगा करके क्यों पीटा गया था?
मुख्यमंत्री के गृह जनपद इटावा में बसरेहर विकासखंड के ग्राम संतोषपुर-इटगांव में मंगलवार को सत्ता की धमक का नंगानाच उस वक्त दिखाई दिया, जब ग्राम प्रधान की शह पर दबंग यादवों ने ब्राह्मण परिवारों के बुजुर्गों और महिलाओं के चेहरे पर कालिख पोतकर तथा जूतों की मालायें पहनाकर गांव भर में घुमाया ही नहीं, लाठी-डंडों से जमकर पीटा भी। हद तो तब हो गई जब थाने के अंदर भी दबंगों ने इन ब्राह्मणों को जूतों से पीटा
ब्राह्मणों को काला नाग कौन बताता रहा?

सपा संस्थापक श्री मुलायम सिंह जी के द्वारा तथाकथित रूप से एक ब्राह्मण विरोधी संघ चलाया जाता था। जिसके प्रचार के लिए जाने वाले लोग कथित रूप से यह कहकर ब्राह्मणों के प्रति द्वेष उत्पन्न करवाते थे कि ब्राह्मण और काला नाग एक साथ दिखे तो पहले ब्राह्मण को मार देना। वह अधिक खतरनाक है।
कन्नौज में ब्राह्मण नीरज मिश्रा की हत्या क्यों हुई थी?
सन 2004 के कन्नौज लोकसभा के चुनाव में ब्राह्मण नीरज मिश्रा की हत्या करवाई गई थी। बताया जाता है कि उसका दोष सिर्फ इतना था कि अपने काफिले के साथ जब अखिलेश यादव जी छिबरामऊ के निकट कसाबा बूथ पर बूथ कैप्चरिंग करना चाहते थे।
बताया जाता है कि नीरज मिश्रा की सर कटी लाश कशाबा के जंगलों में मिली थी। कन्नौज का बच्चा-बच्चा जानता है कि उक्त हत्या किसके इशारे पर हुई थी?
एक डॉक्टर के मिश्रा सरनेम होने से भड़क क्यों गए थे सपा मुखिया ?
छिबरामऊ के सौसइया अस्पताल में जब बस हादसे में घायलों को देखने पहुंचे तो सब कुछ सामान्य था। किन्तु ड्यूटी पर तैनात डाक्टर का नाम पूछते ही अखिलेश यादव भड़क गए थे। बताया जाता है कि कारण सिर्फ इतना था कि डॉक्टर की जाति मिश्रा ब्राह्मण थी, और इस कारण से डॉक्टर को काफी अपशब्द भी अखिलेश जी ने कहे थे।
ब्राह्मणों की कोई मदद न की जाए-किसने कहा था?
अखिलेश जी के मुख्यमंत्री रहते हुए यूपी के सुल्तानपुर जिले की तिसौली के विधायक अबरार अहमद ने स्थानीय ब्राह्मणों के शिष्टमंडल से साफ कह दिया था कि समाजवादी पार्टी का ब्राह्मणों से कोई लेना-देना नहीं है। और न ही उनसे हमारी कोई हमदर्दी है। आखिर ऐसा क्यों कहा गया? अगर ऐसा कोई आदेश नहीं था तो उस विधायक पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई थी?
लखीमपुर खीरी कांड- ब्राह्मण समाज के विरुद्ध कोई सोचा-समझा षड्यंत्र तो नहीं है