चांदपुर शहर के राजनीतिक गलियारों में रोज़ एक से एक नए शिगूफे छोड़े जाते हैं। अब एक नया शिगूफा यह सुनने में आया है कि प्रसिद्ध फ़िल्म स्टार नवाजुद्दीन सिद्दीकी साहब सपा-लोकदल के गठबंधन पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
दावा तो यहां तक जा रहा है कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी और लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनाब शाहिद सिद्दीकी साहब के बीच चचा-भतीजे का सम्बंध है। और शाहिद साहब की इल्तज़ा पर ही नवाजुद्दीन साहब चांदपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने को तैयार हुए हैं।
कस्बा बुढ़ाना के हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी
जबकि सच यह है कि फ़िल्म स्टार नवाजुद्दीन साहब कस्बा बुढ़ाना उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं और एक उर्दू अखबार के सम्पादक और पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी साहब पुरानी दिल्ली के निवासी हैं। और जहाँ तक हमारी जानकारी है कि इन दोनों के बीच दूर-दूर तक भी कोई सम्बंध नहीं है।
बिजनौर लोकसभा चुनाव हार चुके हैं शाहिद सिद्दीकी
एक और मज़े की बात यह है कि शाहिद सिद्दीकी साहब खुद चांदपुर से चुनाव हार चुके हैं। मालूम हो कि 2009 लोकसभा चुनाव में शाहिद सिद्दीकी साहब बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्हें भूतपूर्व सांसद संजय चौहान जी (रालोद) के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।
यह वही शाहिद सिद्दीकी साहब हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का एक इंटरव्यू लिया था, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। सुना है इससे नाराज़ होकर तब समाजवादी पार्टी ने शाहिद सिद्दीकी साहब से पल्ला झाड़ लिया था। बहरहाल, शाहिद सिद्दीकी साहब दल बदलने और अवसरवादी राजनीति के बहुत माहिर खिलाड़ी समझे जाते हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने नहीं जताई कोई ईच्छा
वैसे नवाजुद्दीन सिद्दीकी साहब के चांदपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने को लेकर अभी तक न तो सपा और लोकदल का ही कोई बयान सामने आया है, न ही खुद फ़िल्म स्टार नवाजुद्दीन सिद्दीकी साहब ने ही ऐसी कोई इच्छा कहीं जताई है। न ही शाहिद सिद्दीकी साहब ने ही अभी तक नवाजुद्दीन सिद्दीकी साहब और अपने सम्बन्धों को लेकर कहीं कोई बयान दिया है।
हादसों का शहर है चांदपुर
लेकिन यह चांदपुर है साहब, इसे हासेदाना शहर यूं ही नहीं कहते हैं। सच पूछिए तो यह हासेदाना नहीं बल्कि हादसों का शहर है। यहाँ मोड़-मोड़ पर होता है कोई न कोई हादसा।।
बहरहाल, अब हमें यह देखना है कि पूर्व गन्ना मंत्री से लेकर पूर्व विधायक और पूर्व चेयरमैन तक दावेदारों की जो लंबी लाईन लगी है, उसका क्या होगा?
यहां यह भी बताते चलें कि इस बार मुस्लिम समाज के जिन दावेदारों की लाईन लोकदल के टिकट के लिए लगी है, उसमें पूर्व विधायक मौहम्मद इक़बाल उर्फ इक़बाल ठेकेदार, डॉ. जाहिद अहसास, एम. अकबर, फरीद शेख़ उर्फ फरीद ठेकेदार, फरमान शेख़ उर्फ़ फरमान ठेकेदार सहित मुस्लिम शेख़ बिरादरी के कई दावेदार हैं। फिलहाल यहाँ एक कहावत याद आती है- “शेख़ रे शेख़, अपनी अपनी देख।