हाल ही में आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने श्री अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन किये।
मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता
सुना है, यह वही अरविंद केजरीवाल साहब हैं जिन्होंने मार्च 2014 में दिए अपने एक बयान में कहा था- “जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। तब नानी ने जवाब दिया- ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” अब अरविंद केजरीवाल कौन से श्रीराम के दर्शन करके आ गए। वैसे तो केजरीवाल साहब कभी किसी के न हुए। कम से कम नानी के सगे तो हो ही जाते। नानी की छोड़िए साहब, ये तो अपने आपके भी न हुए।
आधुनिक भारत की तरक्की मंदिर-मस्जिद बनाने से नहीं होगी
अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2018 में राममंदिर विवाद पर कहा था कि – “अगर जवाहरलाल नेहरू ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बजाय मंदिर बनाया होता, तो भारत आगे नहीं बढ़ता। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को मंदिर और स्टेच्यू में उलझा दिया है। अगर ये मंदिर या मस्जिद बनाते रहे तो आपको अपने बेटे को मंदिर में पुजारी बनाना पड़ेगा। केजरीवाल ने कहा था कि- “आधुनिक भारत की तरक्की मंदिर-मस्जिद बनाने से नहीं होगी। बल्कि सेल (SAIL), भेल (BHEL), अस्पताल, स्कूल और सिग्नेचर ब्रिज बनाने से होगी।”
अरविंद केजरीवाल साहब के खासमखास संजय सिंह और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया साहब भी श्रीरामलला के दर्शन करने पहुंचे थे।
चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती
2017 में इन्हीं मनीष सिसोदिया ने कहा था कि- “काश, नेताओं में चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा था, “अगर चुनावों से ठीक पहले ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की राजनीतिक परम्परा होती तो देश के हर बच्चे को आज बेहतरीन शिक्षा मिल रही होती।”
तो वहां एक अच्छी यूनिवर्सिटी बना दो
दिसंबर 2018 में मनीष सिसोदिया ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, “राम मंदिर और मस्जिद दोनों वालों से पूछ लो और अगर दोनों की सहमति हो तो वहां एक अच्छी यूनिवर्सिटी बना दो। हिंदुओं के बच्चे भी पढ़ें, मुसलमानों के बच्चे भी पढ़ें, क्रिश्चियन के भी पढ़ें, भारतीयों के भी पढ़ें, विदेशियों के भी पढ़ें…सबके बच्चे पढ़ें। वहीं से राम के सिद्धांतों को निकालो। राम मंदिर बनाने से राम राज्य नहीं आएगा, पढ़ाने से रामराज्य आएगा।”
भूमि पूजन में किसी दलित को क्यों नहीं बुलाया
संजय सिंह ने कहा था कि राम मंदिर भूमि पूजन से दलितों को दूर रखा गया है। आखिर ऐसा क्यों है कि भूमि पूजन में किसी दलित को नहीं बुलाया गया। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि “आज मुझे एक दलित नेता ने फोन किया। बोले- भाई साहब, राष्ट्रपति दलित, उन्हें नहीं बुलाया गया, उप मुख्यमंत्री मौर्य, उन्हें नहीं बुलाया गया। ऐसा क्यों? भाजपा दलितों को मंदिरों से बाहर क्यों रखना चाहती है?”
यह वही संजय सिंह हैं जिन्होंने श्रीराम मंदिर ट्रस्ट पर मंदिर निर्माण हेतु ज़मीन खरीदने में घोटाले का आरोप लगाया था। बाद में आम आदमी पार्टी के यूथ ब्रिगेड के प्रदेश प्रवक्ता रत्नेश मिश्र ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह को झूठा करार देते हुए राम विरोधी होने तक के आरोप लगाए थे।
भगवान राम और कृष्ण को इतिहास में क्यों नहीं पढ़ाया जाता
नवंबर 2019 में केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भगवान राम और भगवान कृष्ण के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया था। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “अगर यह बात प्रमाणित है कि भगवान राम और कृष्ण पूर्वज हैं तो इन्हें इतिहास में क्यों नहीं पढ़ाया जाता। पूर्वजों का इतिहास होता है जबकि इनका कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर पेरियार का दृष्टिकोण प्रमाणिकता और तार्किकता के आधार पर था।”
अयोध्या को लिखा फैजाबाद
14 सितंबर, 2021 को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में अयोध्या में तिरंगा संकल्प यात्रा निकाली गई थी। अयोध्या में मनीष सिसोदिया ने रामलला के दर्शन भी किए और कहा कि राम की प्रेरणा से ही अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की सरकार चला रहे हैं। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही बुधवार को जारी 100 संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में अयोध्या की जगह फ़ैजाबाद का जिक्र किया गया था।
हालांकि आम आदमी पार्टी को पता था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2018 में दीपावली से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था।
किसी ने क्या खूब कहा है- मुहं में राम, बगल में छुरी।
केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया सब ढोंगी हैं अब उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक आ गए हैं तो श्री राम लला के दर्शन याद आ गए सच्चे रामभक्तों इन कसाईयों के चक्कर में मत पड़ना.. जय श्री राम
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