2022 विधानसभा चुनावों का बिगुल बस बजने को ही है। जैसे-जैसे चुनाव की तिथियां नज़दीक आने लगी हैं।
नेताओं के अपने-अपने बहीखाते बाहर निकलने लगे हैं। क्योंकि जनता-जनार्दन नेताओं के कार्यकाल का पूरा-हिसाब किताब जो मांगने लगी है।
क्षेत्र की जनता भी हिसाब-किताब मांगने लगी है
चांदपुर क्षेत्र की जनता ने भी परोक्ष-अपरोक्ष रूप से यह प्रश्न उठाने प्रारम्भ कर दिए हैं कि श्रीमती कमलेश सैनी के कार्यकाल में क्षेत्र का कितना विकास हुआ है?
प्रश्न यह भी है कि श्रीमती कमलेश के नेतृत्व में पार्टी की क्या उपलब्धियां रही हैं? यह दोनों और इन जैसे कई अन्य प्रश्न अभी और उठने हैं।
जनता को सवाल उठाने का अधिकार है
क्षेत्र की जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि जिस व्यक्ति को विधानसभा में उन्होंने अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा था। उस शख़्स ने जनता की जरूरतों और अधिकारों के लिए कितनी लड़ाइयां लड़ीं? जनता की आवाज़ को कितने जोरदार तरीके से सरकार और प्रशासन के सामने रखा गया।
अगर जनप्रतिनिधि जनता का सभी प्रश्नों का स्पष्ट और संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाते हैं। तो फिर भला जनता उन्हें दोबारा मौका क्यों देगी?
केवल टिकट से जीत तय नहीं होगी
कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत साख़ और सिफारिश के दम पर राजनीतिक दलों के नेताओं को बहला-फुसलाकर पार्टी विशेष का टिकट भले ही हासिल क्यों न कर जाए।
परन्तु विधानसभा तक पहुंचाने के लिए उसको जनता के प्रश्नों का सही और स्पष्ट जवाब देना ही होता है। और ऐसा हिसाब-किताब केवल श्रीमती कमलेश सैनी के समक्ष ही नहीं रखा जाएगा।
बल्कि पूरे प्रदेश के वर्तमान जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र की जनता रखेगी। और हर जनप्रतिनिधी को अपना हिसाब-किताब जनता को देना ही होगा।
हवा-हवाई किले बनाने से काम नहीं चलेगा
फिलहाल श्रीमती कमलेश सैनी को जनता के समक्ष आकर अपने कार्यकाल की उपलब्धियों और किये गए विकास कार्यों को सविस्तार और प्रमाणिक रूप से समझाना चाहिए।
श्रीमती कमलेश सैनी जैसी एक सुलझी हुई और जिम्मेदार शख़्सियत से जनता को पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता की उम्मीद तो रखनी ही होगी।
यूं भी यह श्री मोदी जी का डिजिटल इंडिया है, जो सबकुछ अच्छे से जानता और समझता है। अब केवल हवा-हवाई किले बनाने से कुछ होने वाला भी नहीं है।