पाकिस्तान ने स्वीडन में इस्लामिक धर्मग्रन्थ कुरान जलाने की घटना के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में धार्मिक घृणा से जुड़ा एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें भारत ने पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन किया।
28 देशों में भारत भी शामिल
यूएनएचआरसी में पेश किए गए इस प्रस्ताव पर कुल 47 सदस्य देशों में से 12 देशों ने इसका विरोध किया। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी शामिल हैं। जबकि चीन समेत कुल 28 देशों ने पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन किया। 7 देश ऐसे भी थे, जिन्होंने किसी का भी समर्थन नहीं किया. इन देशों में नेपाल भी शामिल है।
भारत की कूटनीतिक चाल
यहां विशेष बात यह है कि भारत उन 28 देशों में शामिल था जिसने पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन किया। पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन करके भारत ने एक अच्छी कूटनीति का परिचय दिया और एक तीर से कई निशाने साध दिए।
इस्लाम नहीं इस्लामिक कट्टरपंथ का विरोध
इस कूटनीतिक कदम से मोदी सरकार ने पूरे विश्व को यह सन्देश देने का प्रयास किया है कि भारत इस्लाम के नहीं बल्कि इस्लामिक कट्टरपंथ के ख़िलाफ़ है, जो कि पूरे विश्व में आतंक का पर्याय बना हुआ है।
इस्लाम विरोधी बनाने की साजिश
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों से पाकिस्तान और तुर्की समेत कई मुस्लिम देश समय-समय पर येनकेन प्रकारेण भारत को “इस्लाम विरोधी” सिद्ध कर उसकी “धर्मनिरपेक्ष” छवि को हानि पहुंचाने का षड्यंत्र रचते रहे हैं।
पाकिस्तानी टट्टुओं को झटका
मोदी सरकार ने दूसरा झटका उन पाकिस्तानी टट्टुओं को भी दिया है, जो कि “इस्लाम ख़तरे में है” का प्रोपेगैंडा फैलाकर भारत में अशांति और अस्थिरता का वातावरण बनाये रखना चाहते हैं।
भारत सहिष्णु नहीं है
तीसरा झटका भारत में रह रहे स्वघोषित प्रगतिशील बुद्धिजीवियों, आंदोलनकारी परजीवियों, कट्टरपंथी जमात, लिबरल गैंग और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में आकंठ डूबे राजनीतिक दलों और धर्म के ठेकेदारों को भी लगा है, जो देश में रह रहे करोड़ो शांतिप्रिय मुसलमानों को यह कहकर बरगलाते हैं कि “मोदी सरकार में भारत का मुसलमान सुरक्षित नहीं है”. अथवा जो यह प्रोपेगैंडा फैलाते हैं कि “भारत सहिष्णु नहीं रहा”।
मोदी पर धार्मिक भेदभाव का आरोप
इससे उन तमाम छद्म धर्मनिरपेक्ष दलों और उनके सहयोगियों को भी करारा जवाब मिला है जो श्री मोदी सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हैं।
जिहादियों को करारा तमाचा
कुल मिलाकर श्री मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार ने “जिहादियों औऱ अलगाववादियों” के मुहं पर बहुत करारा तमाचा रसीद किया है।
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