समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने एक बयान में कथित तौर पर कहा है कि- “हिन्दू कोई धर्म नहीं है। हिन्दू धर्म एक धोखा है। सही मायने में ब्राह्मणवाद सारी विषमताओं का कारण है, और उसकी जड़ें बहुत गहरी हैं।।”
स्वामी प्रसाद मौर्य से भाजपा को फायदा
ऐसा कहकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी के “मिशन 2024” की धार को दोतरफ़ा तेज़ करने में मदद की है।
ब्राह्मण और हिन्दू समाज को एकजुट किया
एक ओर उन्होंने हिन्दू धर्म पर टिप्पणी करके बिखरे हुए हिन्दू धर्मावलम्बियों को पुनः एकजुट करने हेतु प्रोत्साहित किया है। तो दूसरी ओर ब्राह्मण समाज पर सीधे चोट करके उन तमाम ब्राह्मण संगठनों को भाजपा के प्लेटफॉर्म लाकर खड़ा कर दिया है, जो कि धीरे-धीरे भाजपा से दूर होते जा रहे थे।
विपक्षी गठबंधन को नुकसान
इसका एक और सीधा नुकसान आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन INDIA को होना तय है। क्योंकि ध्रुवीकरण की राजनीति से सीधा नुकसान विपक्षी दलों को ही होना है।
समाजवादी पार्टी को लगेगा झटका
यहां एक और विषय पर चिंतन करना आवश्यक है। आपको याद होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था, उसके बावजूद भी अखिलेश यादव ब्राह्मण समाज को बहुत अधिक अपने पक्ष में एकजुट नहीं कर पाए थे। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी द्वारा ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करने की तमाम कोशिशों को एक बड़ा झटका लगना तय है। जिससे समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्यवाही करना मुश्किल
परन्तु समस्या ये है कि सबकुछ जानते हुए भी समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध कोई प्रत्यक्ष कार्यवाही नहीं कर सकते। क्योंकि इससे उन्हें और भी बड़ा राजनीतिक नुकसान हो सकता है।जिसका अंदाज़ा अखिलेश यादव को भलिभांति है।
सांप और छुछुन्दर वाली स्थिति
कुल मिलाकर स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर सपा की स्थिति सांप और छछुंदर वाली है। न तो उगले बन रहा है और न ही निगले बनता है।
- ✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
समाचार-सम्पादक उगता भारत
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