विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व बसपा विधायक मौहम्मद इक़बाल उर्फ़ इक़बाल ठेकेदार का चांदपुर विधानसभा से चुनाव लड़ना लगभग तय है।
हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मौहम्मद इक़बाल किस पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन सूत्रों का मानना है कि दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में यह स्पष्ट हो जाएगा कि मौहम्मद इक़बाल किस पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे।
1989 में किया था राजनीति में प्रवेश
यहां यह बता दें कि मौहम्मद इक़बाल ने 1989 में बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। और लोकसभा बिजनौर में बहन मायावती का चुनाव लड़ाया था।
1995 से 2005 तक ग्राम प्रधान रहे
वर्ष 1995 से 2005 तक वह ग्राम पंचायत नसीरपुर शेख के ग्राम प्रधान रहे।
1996 में बसपा विधानसभा प्रभारी नियुक्त हुए
1996 को बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा उन्हें बसपा का विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया।
शेख़ सदर बनाये गए
1998 में शेख़ बिरादरी द्वारा उन्हें शेख़ समाज का सदर (अध्यक्ष) बनाया गया। और शेख़ इस्लाह तंज़ीम के रूप में एक समिति पंजीकृत कराई गई।
2002 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े
मौहम्मद इक़बाल ने वर्ष 2002 में चांदपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए 38000 वोट प्राप्त किये।
2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े
2007 में उन्होंने बसपा के टिकट पर चांदपुर विधानसभा से चुनाव लड़कर 31000 मतों के भारी अंतराल से जीत हासिल की थी।
2009 में बसपा का लोकसभा प्रभारी नियुक्त किया गया
वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव के बाद मौहम्मद इक़बाल को बसपा का लोकसभा प्रभारी नियुक्त किया गया।
2012 में एक बार भारी जीत हासिल की
वर्ष 2012 में मौहम्मद इक़बाल पर बसपा ने एक बार फिर से भरोसा जताया और चांदपुर विधानसभा से उन्हें अपने टिकट पर चुनाव लड़वाया गया।
जिसमें मौहम्मद इक़बाल ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी शेरबाज पठान को लगभग 15000 वोटों के अंतराल से हराकर विजयश्री अपने नाम कर ली।
2017 में जबरदस्त मोदी लहर के बावजूद दूसरे स्थान पर रहे
वर्ष 2017 में मौहम्मद इक़बाल ने एक बार फिर से हाथी की सवारी करते हुए चुनाव लड़ा और जबर्दस्त मोदी लहर होने के बावजूद वह दूसरे नम्बर पर रहे।
जबकि भारी जनसमर्थन के बावजूद सपा प्रत्याशी मौहम्मद अरशद तीसरे स्थान पर रह गए।
2019 में पुनः लोकसभा प्रभारी बनाये गए
वर्ष 2019 में एक बार दोबारा से मौहम्मद इक़बाल को बिजनौर लोकसभा प्रभारी नियुक्त किया गया। हालांकि इस बार वर्तमान बसपा सांसद माननीय मलूक नागर को चुनाव लड़वाया गया था।
ऊंट किस करवट बैठेगा
कुल मिलाकर 1989 से लेकर आजतक मौहम्मद इक़बाल चांदपुर क्षेत्र की राजनीति विशेषकर मुस्लिम राजनीति के प्रमुख केंद्र बिंदु रहे हैं।
अब 2022 विधानसभा चुनाव में मौहम्मद इक़बाल का ऊंट किस करवट बैठेगा यह सचमुच देखने वाली बात होगी।