*अच्छे अधिकारी का जाना, कोई अच्छी बात नहीं है*
कल बिजनौर गया था, वहां सूत्रों से मालूम हुआ कि जिले के पुलिस विभाग में कुछ फेरबदल सम्भव हैं।
मालूम हुआ है कि चांदपुर कोतवाली प्रभारी दुर्गेश मिश्र का भी तबादला सम्भव है। यह जानकर बहुत पीड़ा हुई। यद्यपि जो आया है उसे एक न एक दिन जाना ही है, यही प्रकृति का नियम है। किन्तु यदि अच्छे लोग आपसे समय से पहले विदा ले जाएं तो मन को पीड़ा होना स्वभाविक है।।
चांदपुर शहर को अभी ऐसे कर्मठ और जुझारू व्यक्तित्व की बेहद ज़रूरत है। पूरा शहर इस बात को जानकर स्तब्ध है कि जब-जब शहर के हालात सुधारने वाला कोई अधिकारी शहर में आता है, तब-तब उसका तबादला कर दिया जाता है।
वर्तमान में भी कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है, हालांकि विभागीय फेरबदल, व्यवस्था का एक हिस्सा है, किन्तु यह भी समझना आवश्यक होगा कि क्या वह फेरबदल आवश्यक है?
इस समय शहर की कानून व्यवस्था धीरे-धीरे सुधार पर है, और दलालों और अपराधियों की स्थिति बेहद कमज़ोर होती जा रही है। शांति व्यवस्था भी बनी हुई है।
इस बात को न केवल जनता महसूस कर रही है बल्कि विपक्षी पार्टियों के नेता भी खुले मन से स्वीकार कर रहे हैं। इस सम्बंध में कांग्रेस के एक प्रदेश स्तर के नेता ने भी कल एक पोस्ट लिखी थी। जिसको पढ़कर यह स्पष्ट है कि चांदपुर में कानून व्यवस्था पटरी पर आ रही है और विपक्ष भी उससे सहमत है।
इसके बाद भी भाजपा सरकार में अच्छे अधिकारियों की कद्र न होना और बार-बार लगातार उनका स्थानांतरण करते रहना वास्तव में एक गम्भीर मसला है।
केवल 60 दिनों में आप किसी शहर के समस्त अपराधों पर नियंत्रण नहीं कर सकते, इतने दिनों में तो व्यक्ति केवल सिस्टम को समझ पाता है, लेकिन जितनी जल्दी वर्तमान कोतवाली प्रभारी ने समस्याओं को समझा और विपरीत परिस्थितियों में भी व्यवस्था को सुधारने का हरसम्भव प्रयास किया, उसकी चहुं ओर भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है।
ऐसे में चांदपुर क्षेत्र के भाजपा नेताओं और विधायक को चाहिये कि वह इसमें हस्तक्षेप करें, औऱ दुर्गेश मिश्र के सम्भावित तबादले को रुकवाने का प्रयास करें।
जनता अपना प्रतिनिधि इसलिए चुनती है कि वह अधिकारियों के कामकाज में आवश्यक दखलंदाजी कर केवल उन कार्यों को होने पर ज़ोर दे जो जनता और समाज के हित में हैं।
इस समय क्षेत्र की जनता चाहती है कि शहर में अच्छे अधिकारियों की तैनाती बनी रहे और उनको पूरा मौका दिया जाए।
मैं शहर के समस्त बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और राजनीतिज्ञों से अनुरोध करूँगा कि वह आगे आएं और एक कर्मठ, जुझारू और निष्पक्ष अधिकारी को उसकी क्षमता को पूर्ण प्रदर्शित करने हेतु आवश्यक अवसर प्रदान कराये जाने का यथासंभव प्रयास करें।
जनता की आवाज़ को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का एक भागीरथी प्रयास होना ही चाहिए, ऐसा मेरा मानना है।।।
हममें गलत का विरोध करने की क्षमता भले ही न हो, किन्तु सही का साथ देने का हौंसला तो होना ही चाहिए।
चाँदपुर विधायक श्रीमती कमलेश सैनी जी से हम सबकी यही अपेक्षा है।
*-मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”*