जवाहर लाल नेहरु ने कहा था “ मैं शिक्षा से ईसाई हूँ, संस्कृति से मुसलमान और दुर्भाग्य से हिन्दू हूँ”. यानि राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा के दादा और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जोकि अपने नाम से पहले “पंडित” करते थे, उन्होंने अपने हिन्दू होने को दुर्भाग्यशाली ठहराया था. आजादी के बाद जब वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मन्दिर के दोबारा निर्माण की कोशिश शुरू की तो जहाँ एक ओर महात्मा गाँधी ने इसका स्वागत किया था, वहीँ दूसरी ओर जवाहरलाल नेहरु ने लगातार उस निर्णय का विरोध किया था. जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मन्दिर गए तो नेहरू ने न केवल उन्हें जाने से मना किया गया और विरोध भी दर्ज कराया था. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में “हिन्दू” शब्द पर भी जवाहरलाल नेहरू को घोर आपत्ति थी और उन्होंने पंडित मदन मोहन मालवीय पर भी नेहरू ने युनिवर्सिटी से हिन्दू शब्द हटाने के लिए भी दबाव डाला था. लेकिन नेहरू ने कभी अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में “मुस्लिम” शब्द रखने पर खभी आपत्ति नहीं की थी.
७ नवम्बर १९६६ को दिल्ली में हजारों भगवाधारी, निहत्थे और निर्दोष साधू-संतों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री और राहुल-प्रियंका की दादी इंदिरा गाँधी ने जलियांवाला बाग कांड दोहराते हुए गोलियां चलवा दी थीं. यहाँ यह उल्लेखनीय है कि यह साधू-संत गौभक्त थे और वह गौ-रक्षा के लिए शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे थे.
कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गाँधी के विषय में भी यह खबरें बड़ी प्रमुखता से छपी थीं कि “सोनिया गाँधी हिन्दुओं से नफरत करती हैं”. कई मीडिया चैनलों और वेबपोर्टल्स पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की एक किताब “द कोलेशन इयर्स: १९९६-२०१२” नामक पुस्तक के हवाले से ये खबर दी गई थी कि सोनिया गाँधी हिन्दुओं से नफरत करती हैं. हालाँकि इस पर कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आ पाया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपने एक बयान में कहा था कि “मन्दिर जाने वाले लोग लडकियाँ छेड़ते हैं”. इन्हीं राहुल गाँधी ने विदेशों में हिन्दू धर्म की छवि ख़राब करने के उद्देश्य से तथाकथित रूप से कहा था कि “लश्कर से भी ज्यादा कट्टर आतंकी हिन्दू होते हैं”. इन्हीं राहुल गाँधी ने जर्मनी में एक और कथित बयान में यह भी कहा था कि महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है.
अब प्रियंका वाड्रा जिन्होंने शायद ही कभी भगवा रंग के कपड़े पहने हों, जिनकी पार्टी “भगवा आतंकवाद” की दुहाई देते नहीं थकती, जिन्होंने शायद ही कभी भगवान और भगवा में आस्था दिखाई हो, जो प्रियंका वाड्रा कहलाती हैं, जिन्हें इस पूरे देश में एक भी हिन्दू लड़का शादी योग्य नहीं मिल सका, जिन्होंने कभी अपने भाई को राखी भी नहीं बाँधी, कभी अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत नहीं रखा, जिन्होंने कभी श्री गणेश वंदना नहीं की, कभी सत्यनारायण की पूजा नहीं की, कभी साधू-संतों को भंडारा नहीं कराया, वह प्रियंका गाँधी आज “भगवा” पर भाषण दे रही हैं और भारत माता के सपूतों पर पत्थर बरसाने वालों को बच्चा बता रही हैं.