“मैं यह नहीं कहता कि राष्ट्रीयता एक विश्वास है, एक धर्म है, एक निष्ठा है, अपितु मैं कहता हूँ कि सनातन धर्म ही हमारा राष्ट्रपिता है. यह हिन्दू राष्ट्र सनातन धर्म को ही लेकर पैदा हुआ है, उसी को लेकर चलता है और उसी को लेकर विकसित होता है. जब-जब सनातन धर्म की हानि होती है, तब-तब उसकी अवनति हुई है. यदि सनातन धर्म का विनाश सम्भव होगा, तो सनातन धर्म के साथ ही साथ इस राष्ट्र का विनाश होगा. सनातन धर्म है राष्ट्रीयता, यही वह संदेश है, जो आपको सुनना है”
– अरविंदो घोष
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