*परम आदरणीय*
*महंत श्री योगी* *आदित्यनाथ जी*
*सादर प्रणाम*
*श्रीमन,*
(आप ठाकुर हैं और मैँ ब्राह्मण इसीलिए आपको पांव लागन नहीं कहा)।किन्तु आप महंत हैं औऱ मेरे प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं, इसलिये विनम्रतापूर्वक आग्रह कर रहा हूँ।
महोदय,
इतिहास साक्षी है कि ठाकुरों ने सदा ब्राह्मणों को सम्मान दिया है और उनको अपना राजनीतिक सलाहकार और धर्मगुरु भी माना है। अतः उसी ब्राह्मण धर्म को निभाते हुए आपको एक सलाह भी दे रहा हूँ।
श्रीमन, अभी मैंने आपका एक वीडियो देखा जिसमें आपको यह कहते हुए दिखाया गया है कि *”जो लोग पाकिस्तान से मोहब्बत करते हैं, वो पाकिस्तान चले जाएं, किराया आप दे देंगे।”*
बेहतर है, आपके श्री मुखारविंद से निकले शब्दों का मैं विरोध नहीं करता हूँ। किन्तु श्रीमन ये तो बताइए कि आदरणीय आडवाणी जी, जिन्होंने पाकिस्तान जाकर स्वर्गीय जिंन्हा साहब की मज़ार पर उनकी शान में कसीदे पढ़े थे, भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, जिन्होंने पाकिस्तान को अपना पड़ोसी देश बताया, हमारे वज़ीरे आज़म जनाब नरेंद्र मोदी साहब जिन्होंने पाकिस्तान जाकर शॉल बांटे थे और bjp के वो लीडर जो कश्मीर में पीडीपी जैसी देशद्रोही पार्टी से गठबंधन करे बैठे हैं और हमारी ही सेना पर हमले करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने वालों की गोद में मुहं छिपाए लोरियां सुन रहे हैं, जनाब आज़म खान साहब जो आपके हाथ में हाथ डालकर घूम रहे थे(सोशल मीडिया में वायरल हुये एक फोटो में) और जिन्होंने कथितरूप से भारत माता को डायन कहा था, bjp के वो नेता जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहरा दिया, जमीन पर झुका दिया, उन सबको भी तो हवाई जहाज का किराया दे दीजिए.
कश्मीर में कार्यरत अलगाववादी नेता जो हमारे ही टुकड़ों पर पल रहे हैं और हमें ही गालियां देते हैं, उमर अब्दुल्ला साहब जो हमारा ही खाते हैं और हम पर ही गुर्राते हैं, उन्हें भी किराया दिलवाइये।
आखिर इन लोगों को सरकारी दामाद क्यों बना रखा है ? जे एन यू के वो सभी छात्रनेता जो खुलेआम भारत के टुकड़े कराने की बात कर रहे हैं, उन्हें भी रुख़सत कीजिये साहब.
सिद्धारमिया साहब जो कर्नाटक के लिए अलग झंडे की मांग कर रहे हैं उनका भी टिकट कटवा दीजिये।
हमारे जवानों के लगातार शहीद होने के बावजूद भी जो गृहमंत्री साहब केवल खोखली बयानबाजी कर रहे हैं, उनका भी वीजा बनवाइए.
जो लोग पाकिस्तानी कलाकारों के नाम पर पैसा कमा रहे हैं, उनको भी दफा कीजिये. जो आमिर खान साहब भारत को असहिष्णु बता रहे हैं उनका भी किराया दीजिये।
जो लोग पाकिस्तान से व्यापार कर रहे हैं उनको भी पाकिस्तानी ट्रेन में बैठा दीजिये।
आप आजतक पाकिस्तान से व्यापारिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक सम्बन्ध नहीं ख़त्म कर पाए साहब। आपकी सरकार समझौता एक्सप्रेस चलवा चुकी है, औऱ आप उस जनता को किराया देने की बात कर रहे हैं, जो 1947 में भी हिंदुस्तान में ही रही।
जिसे जाना था साहब, वो तो कबकी चली गई।
हुजूर, ब्राह्मण होने के नाते आपको एक राजनीतिक शिक्षा दे रहा हूँ, याद रखिये कभी आपके काम आएगी।
*ताक़त लोगों को अपने साथ रखने से बढ़ती है, उन्हें अपने से अलग करने से नहीं।* “शरीर का कोई अंग अगर घायल हो जाये तो पहली कोशिश उसे ठीक करने की करनी चाहिए, उसके ज़ख्म को कुरेदने की नहीं, अगर कुरेदोगे तो नासूर बन जायेगा।” इसे कुरेदो मत, इसका ईलाज करो.
दूसरी बात ये है कि *अगर कोई गद्दार है तो उसे सीधे गोली मार दो, उसे दुश्मन के खेमे में भेजोगे तो लंका जल जाएगी।*
महाराज रावण ने यही गलती की थी कि उन्होंने विभीषण को लात मारकर लंका से बाहर निकाल दिया था, और उस अकेले विभीषण ने पूरी लंका ही ख़त्म करा दी।
*इसलिए विभीषण पैदा मत करो और पैदा हो गए हैं तो उन्हें बाहर मत जाने दो, बल्कि यहीं दफना दो।*
घमंड तो साहब उन महाराज रावण का नहीं रहा, जिनकी सोने की लंका थी, समुद्र सी खाई थी, जो त्रिलोक विजेता थे, और जिनका कहना था *एको अहम, द्वितीयो न अस्ति, न भूतो, न भविष्यति* अर्थात केवल एक मैँ ही हूँ, और कोई दूसरा नहीं है, न था और न होगा।
अंत में एक बार फिर विनम्रता से आग्रह कर रहा हूँ, जख्म को कुरेदो मत, वरना नासूर बन जायेगा।
*(श्रीमन मुख्यमंत्री महोदय यदि कभी कोई राजनीतिक सलाह की आवश्यकता हो तो निःसंकोच मिल सकते हैं, एक ब्राह्मण होने के नाते मैं अवश्य सहायता करूँगा।)*
आपका शुभचिंतक
मनोज चतुर्वेदी *शास्त्री*
9058118317