भारतीय संविधान के अनुच्छेद ४८ में गायों और बछड़ों और अन्य दुधारू मवेशियों की हत्या की मनाही का प्रावधान है. लेकिन यह केवल देश में पशुधन को बचाने एवं बनाये रखने के उद्देश्य से है. क्योंकि ये पशु कृषि और अन्य आर्थिक मामलों के लिए काफी महत्व रखते हैं. लेकिन यह अनुच्छेद यह नहीं कहता कि गाय को मत मारो. चूँकि यह अनुच्छेद राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है, इसलिए राज्य सरकारों ने अलग-अलग कानून बना लिए हैं.
पश्चिम बंगाल, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, केरल और लक्षद्वीप राज्यों में गो-हत्या पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है.
हिमाचल प्रदेश तथा उड़ीसा राज्यों में बीमार होने या शोध कार्यों के लिए गौ-हत्या पर कोई पाबंदी नहीं है.
उत्तर-प्रदेश प्रोहिबिशन ऑफ काऊ स्लाटर एक्ट, १९९५ के अंतर्गत राज्य के किसी भी स्थान पर गायों, बैलों और सांडों की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, जिसके अंतर्गत आरोपी को सात साल तक की जेल और/ या १०,००० रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है.
हरियाणा गोवंश संरक्षण एंड गौ-संवर्धन एक्ट, २०१५ के अंतर्गत गायों, भैंसों, बैलों, सांडों, बछिया और बछड़े की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिसके अंतर्गत १० साल तक की कैद और/ या एक लाख रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है.
राजस्थान बोवाइन एनिमल्स (प्रोहिबिशन ऑफ स्लाटर एंड रेगुलेशन ऑफ टेम्परेरी माइग्रेशन और एक्सपोर्ट) एक्ट, १९९५ के अंतर्गत गो-जातीय पशुओं जिनमें गाय, बछड़ा, बछिया, बैल और सांड शामिल हैं, कि हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिसके अंतर्गत पांच साल तक की कैद और/या ५,००० रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
झारखंड बोवाइन एनिमल्स प्रोहिबिशन ऑफ स्लाटर एक्ट, २००५ के अंतर्गत गाय और उनकी संतति, बछिया, बैल और सांडों की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिसके अंतर्गत १० साल तक की कैद और/या १०,००० रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
छतीसगढ़ एग्रीकल्चर कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, २००४ के अंतर्गत ऐसे किसी भी मवेशी की हत्या पर प्रतिबन्ध जिनका उपयोग कृषि कार्यों के लिए किया जाता हो. इनमें गाय और उनके बछड़े, भैंस और उनके बछड़े, बैल, सांड, नर और मादा भैंसे शामिल हैं. इसके अंतर्गत तीन साल तक की जेल और/ या १०,००० रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
गुजरात एनिमल प्रिजर्वेशन एक्ट, १९५४के अंतर्गत गायों, बैलों, सांडों और बछड़े की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. इसके अंतर्गत उम्रकैद और/या पांच लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, १९५९ के अंतर्गत गायों, मादा भैंसों और उनके बछड़ों की हत्या पर प्रतिबन्ध है. जबकि अन्य कृषि मवेशी, बैल, सांड, तथा नर-भैंस का वध किया जा सकता है. आरोपी को एक साल तक की जेल और/या १,००० रूपये तक का जुरमाना भरना पड़ सकता है.
पश्चिम बंगाल, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, केरल और लक्षद्वीप राज्यों में गो-हत्या पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है.
हिमाचल प्रदेश तथा उड़ीसा राज्यों में बीमार होने या शोध कार्यों के लिए गौ-हत्या पर कोई पाबंदी नहीं है.
उत्तर-प्रदेश प्रोहिबिशन ऑफ काऊ स्लाटर एक्ट, १९९५ के अंतर्गत राज्य के किसी भी स्थान पर गायों, बैलों और सांडों की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, जिसके अंतर्गत आरोपी को सात साल तक की जेल और/ या १०,००० रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है.
हरियाणा गोवंश संरक्षण एंड गौ-संवर्धन एक्ट, २०१५ के अंतर्गत गायों, भैंसों, बैलों, सांडों, बछिया और बछड़े की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिसके अंतर्गत १० साल तक की कैद और/ या एक लाख रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है.
राजस्थान बोवाइन एनिमल्स (प्रोहिबिशन ऑफ स्लाटर एंड रेगुलेशन ऑफ टेम्परेरी माइग्रेशन और एक्सपोर्ट) एक्ट, १९९५ के अंतर्गत गो-जातीय पशुओं जिनमें गाय, बछड़ा, बछिया, बैल और सांड शामिल हैं, कि हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिसके अंतर्गत पांच साल तक की कैद और/या ५,००० रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
झारखंड बोवाइन एनिमल्स प्रोहिबिशन ऑफ स्लाटर एक्ट, २००५ के अंतर्गत गाय और उनकी संतति, बछिया, बैल और सांडों की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिसके अंतर्गत १० साल तक की कैद और/या १०,००० रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
छतीसगढ़ एग्रीकल्चर कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, २००४ के अंतर्गत ऐसे किसी भी मवेशी की हत्या पर प्रतिबन्ध जिनका उपयोग कृषि कार्यों के लिए किया जाता हो. इनमें गाय और उनके बछड़े, भैंस और उनके बछड़े, बैल, सांड, नर और मादा भैंसे शामिल हैं. इसके अंतर्गत तीन साल तक की जेल और/ या १०,००० रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
गुजरात एनिमल प्रिजर्वेशन एक्ट, १९५४के अंतर्गत गायों, बैलों, सांडों और बछड़े की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. इसके अंतर्गत उम्रकैद और/या पांच लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, १९५९ के अंतर्गत गायों, मादा भैंसों और उनके बछड़ों की हत्या पर प्रतिबन्ध है. जबकि अन्य कृषि मवेशी, बैल, सांड, तथा नर-भैंस का वध किया जा सकता है. आरोपी को एक साल तक की जेल और/या १,००० रूपये तक का जुरमाना भरना पड़ सकता है.