एक राष्ट्रीय चैनल पर एक बहस के दौरान कांग्रेसी दलाल तहसीन पूनावाला और वामपंथी भेड़िये अमीर हैदर जैदी ने खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद के संगठन को अनुशासित और जिम्मेदार संगठन बताकर और राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस को आतंकवादी संगठन बताकर कांग्रेस और वामपंथ के चेहरे पर पड़ा “नकाब” हटा दिया है. उनके इस बयान के बाद ये पूरी तरह से स्पष्ट हो चूका है कि कांग्रेस और वामपंथ हाफिज सईद की आतंकवादी संगठन की विचारधारा से सहमत हैं बल्कि आतंकवादी विचारधारा को पुष्पित-पल्लवित कर रहे हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट है कि संघ के प्रति उनके मन में कितना जहर भरा है. बार-बार संविधान और लोकतंत्र को खतरे में बताने वाले कांग्रेसी और वामपंथी एक ऐसे व्यक्ति की विचारधारा को सही ठहरा रहे हैं जिसे पूरा विश्व आतंकवादी घोषित कर चूका है.
तहसीन पूनावाला और अमीर हैदर जैदी का ये शर्मनाक बयान ऐसे समय में सामने आया है जब इस देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री प्रणव मुखर्जी साहब खुद आरएसएस द्वारा आयोजित एक बड़े सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं. क्या कांग्रेस और वामपंथ ये साबित करना चाह रहे हैं कि प्रणव मुखर्जी जैसा राष्ट्रवादी और जिम्मेदार नेता एक आतंकवादी संगठन के साथ हाथ मिला रहा है? क्या प्रणव मुखर्जी साहब को ये नहीं मालूम है कि आरएसएस किस प्रकार का सन्गठन है? तहसीन पूनावाला और अमीर हैदर जैदी के बयान के बाद इसमें कोई शक नहीं है कि कांग्रेस और वामपंथ में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं जिनका शरीर भले ही हिंदुस्तान में हो लेकिन इनकी आत्मा पाकिस्तान में है. जिन्ना चला गया लेकिन अपनी औलादों को हिंदुस्तान में छोड़ गया.इसलिए अब ये आवश्यक है कि जिन्ना की इन नाजायज औलादों का डीएनए टेस्ट होना ही चाहिए.