नगरपालिका परिषद चांदपुर के चुनाव के दौरान कुछ लोगों ने बहुत दावे और वादे किए थे कि इस बार अमुक व्यक्ति चुनाव जीत गया तो वह चांदपुर नगरपालिका द्वारा स्लॉटर हाउस बनवा देगा। किन्तु चुनाव जीतने के बाद इस विषय में किसी ने कोई सुध नहीं ली और हालात यहां तक पहुंच गए कि पीपुल फ़ॉर एनिमल्स के कर्मठ कार्यकर्ता वीरेंद्र राजपूत, वरिष्ठ अंसारी नेता खुर्शीद अंसारी, व्यापारी नेता अनुज गुप्ता, निशात अंजुम सहित नगर के कई सम्भ्रांत लोगों ने पालिका प्रांगण में स्लॉटर हॉउस की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। किन्तु नतीजा टॉय-टॉय फिस ही रहा।
इस विषय में जब हमने गहराई से छानबीन की तो मालूम हुआ कि पूर्व चेयरपर्सन के समय में ही स्लॉटर हॉउस बनाने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा गया था किंतु कड़े नियमों और शर्तों के चलते उसे नहीं बनाया जा सका।
वास्तविक स्थिति ये है कि भाजपा सरकार ने स्लॉटर हाउस के लिए नियम और शर्तें इतनी कड़ी कर दी हैं कि स्लॉटर हॉउस बनाना मतलब कश्मीर समस्या को हल करने जैसा है।
इस विषय पर हमने काफ़ी रिसर्च और पूछताछ की तो पता चला कि स्लॉटर हाउस बनाने के लिए यदि सभी नियमों और शर्तों को लिखा जाए तो पूरी एक किताब छप जाएगी।
उन सभी शर्तों और नियमों को मैंने अपने एक लेख में लिखा है जिसे जल्दी ही मैं आप सब लोगों तक पहुंचा दूँगा।यहां पर मैं केवल कुछ शर्तें व नियम लिख रहा हूँ-
मतलब बूचड़खाना ऐसा होना चाहिए जहाँ :-
वधशालाएं पूरी तरह बस्ती से बाहर होंगी।
वधशाला के सभी कक्ष रेफ्रीजेरेशन युक्त होंगे,
छोटे व बड़े पशु के बध के लिए अलग अलग स्थान की व्यवस्था करनी होगी।
वधशाला के पूरी तरह प्रकाशयुक्त, कीटाणुरहित रखना होगा
पशुवध करने वाले व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि ‘वह किसी गंभीर संक्रामक बीमारी से पीडि़त नहीं है।
वधशाला में संचालक को इस प्रकार इंतजाम करना होगा कि जीवित पशु मरने वाले पशु को किसी भी प्रकार देख न पाए
जीवित पशु को बध करने के पहले उसे पीने का पानी के लिए बोर वेल की भी व्यवस्था करना अनिवार्य होगा
पशु के अपविशष्ट के लिए मानक के अनुरुप गड्ढे-खोदे जाना अनिवार्य होगा।
पशु के शव को लटकाने के लिए काले शीशे कक्ष में लगाना होगा ताकि शव को कोई देख न सके।
पशुवधशालाओं के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी अनुमति अवश्य लेनी होगी।
सभी नालियां भूमिगत हों ताकि उनकी सफाई आसानी की जा सके।
वध हाल में कार्यावधि में गरम पानी रखने की व्यवस्था भी हो।
सबसे बड़ी शर्त तो यह होगी कि उसे लिखित देना होगा कि वह पशु के बध के पहले पशु डॉक्टर से बीमारी रहित पशु का प्रमाण पत्र ले लेगा।
मांस रखने वाले स्थान पर कृत्रिम प्रकाश का समुचित इंतजाम होना चाहिए।
वधशाला की धुलाई प्रत्येक दिन होगी और साल में एक बार उसकी रंगाई-पुताई पेंट से कराने का वादा संचालक को करना होगा।
वधशाला में कुत्ते, बिल्ली और पक्षी बध हाल तक नहीं जाना चाहिए।
पशु वधशाला में सभी काम करने वाले को चेचक और एन्ट्रेरिक ग्रुप के टीके लगवाए जाने की शर्त भी पूरी करनी होगी।
गर्भित मादा पशुओं का परिवहन नहीं किया जाएगा। शासन ने इसके लिए 50 मुर्गी हलाल करने के लिए हर साल खाद्य सुरक्षा विभाग को 200 रुपए और इसके ऊपर मुर्गी काटने के लिए एक हजार रुपए विभाग को शुल्क देना होगा।
दो बकरे से 50 बकरों के लिए सौ रुपए और इससे ज्यादा हलाल करने के लिए एक हजार रुपए शुल्क देना होगा।
ये केवल ट्रेलर है, पूरी पिक्चर मेरे लेख में पढ़ी जा सकती है।
यहां ये भी स्पष्ट करना जरूरी है कि एक स्लॉटर हाउस बनाने में न्यूनतम खर्च 12.5 करोड़ रुपये है।
इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि चान्दपुर में स्लॉटर हाउस का बनना ऐसा है कि मानो ताजमहल बनाया गया हो।
हालांकि यदि मौहम्मद अरशद चाहें तो वह अपने खुद के फंड से यह नेक काम कर सकते हैं, जिसमें काफी लाभ होने की भी संभावना है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति निजी तौर से भी स्लॉटर हॉउस बनवा सकता है बशर्ते कि स्थानीय निकाय उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र दे। और मौहम्मद अरशद साहब के लिए 12.5 करोड़ की रकम कोई ज़्यादा भी नहीं है और न ही अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना कोई बड़ी बात है।
बहरहाल, अभी तो ये एक सपना ही है, न जाने कब पूरा होगा।
✍🏾मनोज चतुर्वेदी *शास्त्री*
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