लेखक:- मनोज श्रीवास्तव (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय केसरिया वाहिनी)
साभार |
जिस हिन्दू ने नभ में जाकर नक्षत्रों को दी है संज्ञा।
जिसने हिमगिरि का वक्ष चीर, भू को दी है पावन गंगा।।
जिसने सागर की छाती पर पाषाणों को तैराया है।
वर्तमान की पीड़ा को हर जिसने इतिहास बनाया है।।
जिसके पावन बलिष्ठ तन की रचना दे दधीचि ने की ।
जौहर कुंडों में कूद-कूद, सतियों ने जिसे दिया सत्व।
वह शाश्वत हिन्दुराष्ट्र क्या स्मरणीय मात्र रह जायेगा।
जिसने सागर की छाती पर पाषाणों को तैराया है।
वर्तमान की पीड़ा को हर जिसने इतिहास बनाया है।।
जिसके आर्यों ने जयघोष किया कृण्वन्तों विश्वार्यम का।
जिसका गौरव कम कर न सकी, रावण की सवर्णमयी लंका।।
जिसके यज्ञों का एक हव्य, सौ-सौ पुत्रों का जनक रहा।
जिसके आंगन में भयाक्रांत धनपति बरसाता कनक रहा ।।
जिसके आंगन में भयाक्रांत धनपति बरसाता कनक रहा ।।
जिसके पावन बलिष्ठ तन की रचना दे दधीचि ने की ।
राघव ने वन में भटक-भटक, जिस तन में प्राण प्रतिष्ठा की ।।
जौहर कुंडों में कूद-कूद, सतियों ने जिसे दिया सत्व।
गुरुओं-गुरुपुत्रों ने जिसमें चिर बलिदानी भर दिया तत्व।।
वह शाश्वत हिन्दुराष्ट्र क्या स्मरणीय मात्र रह जायेगा।
इसकी पावन गंगा का जल क्या नालों में बह जाएगा।।
इसके गंगाधर शिव शंकर क्या ले समाधि सो जायेंगे।
इसके पुष्कर इसके प्रयाग क्या गर्त मात्र हो जायेंगे।।
यदि तुम ऐसा नहीं चाहते हो, तो फिर तुमको जगना होगा।
हिन्दुराष्ट्र का बिगुल बजाकर, दानव दल को दलना होगा।।
-साध्वी ऋतम्भरा दीदी के वक्तव्य से साभार
हाँ, हमें गर्व है कि हम हिन्दू हैं यानि कि सनातन धर्म को मानने वाले।
यह मात्र एक वह धर्म है जो पूरा विश्व को ही अपना घर मानते हैं.
यह ही एकमात्र धर्म है जो इस धरा पर सबसे पहले आया. यह एकमात्र धर्म है जो हजारों वर्ष पहले ब्रह्माण्ड के सभी दूरियां नाप लिया था. जो आज के विज्ञान भी मानता है.
यह एक मात्र धर्म है जो हजारों वर्ष पहले विमान बनाने की विधि बता दिया था. पुष्पक विमान जिसपर प्रभु श्रीराम लंका से अयोध्या आये थे. जो सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करके चलता था.
एकमात्र धर्म जो पूरा विज्ञान पर आधारित है. जैसे सूर्य नमस्कार, सूर्य को जल अर्पण देना।
यह एक मात्र धर्म है जो हजारों वर्ष पहले विमान बनाने की विधि बता दिया था. पुष्पक विमान जिसपर प्रभु श्रीराम लंका से अयोध्या आये थे. जो सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करके चलता था.
एकमात्र धर्म जो पूरा विज्ञान पर आधारित है. जैसे सूर्य नमस्कार, सूर्य को जल अर्पण देना।
यह एकमात्र धर्म है जो पूरी दुनिया को बताता है कि पृथ्वी गोल है और सभी ग्रह क्लॉक वाइज ही चलते हैं.
यह एकमात्र धर्म है जो अपनी नदियों को माँ के रूप में मानते हैं और उसको शुद्ध रखने के लिए वैज्ञानिक नीति का ही निर्वाह करते हैं. जैसे नदियों में ताम्बा दान करना जिससे नदी का पानी हमेशा शुद्ध रहता है.
यह एकमात्र धर्म है जहाँ ३३ कोटि देवी-देवता होने के बाद भी ईश्वर एक हैं, निरंकारी है सबसे पहले हमने ही दुनिया को बताया।
लेकिन कुछ अभागे हिन्दू ही यह नहीं समझ पाते और अपने ही धर्म के बारे में प्रश्न उठाते रहते हैं. अभी भी वक्त है अपने धर्म को समझो, जानो क्योंकि अपना धर्म सिर्फ आस्था पर ही नहीं परन्तु विज्ञान पर आधारित है.
यह एकमात्र धर्म है जहाँ ३३ कोटि देवी-देवता होने के बाद भी ईश्वर एक हैं, निरंकारी है सबसे पहले हमने ही दुनिया को बताया।
लेकिन कुछ अभागे हिन्दू ही यह नहीं समझ पाते और अपने ही धर्म के बारे में प्रश्न उठाते रहते हैं. अभी भी वक्त है अपने धर्म को समझो, जानो क्योंकि अपना धर्म सिर्फ आस्था पर ही नहीं परन्तु विज्ञान पर आधारित है.
अपने धर्म पर गर्व करो, गर्व से कहो हम हिन्दू हैं.