उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर योगी सरकार ने फॉर्मूला तैयार कर लिया है, जिसके तहत जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के तैयार मसौदे में इस तरह के कई प्रस्ताव रखे हैं। आयोग ने इस मसौदे पर लोगों ने आपत्तियां व सुझाव भी मांगे हैं। राज्य विधि आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल के मार्ग-दर्शन में यह मसौदा तैयार किया गया है। आपत्तियों एवं सुझावों का अध्ययन करने के बाद संशोधित मसौदा तैयार करके राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।
योगी सरकार के इस विधेयक पर कई नेताओं ने हमले किए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी इस संबंध में बड़ा बयान दिया है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि “नई जनसंख्या नीति लागू करने से पहले सरकार के मंत्री और नेता अपनी जायज़ और नाजायज़ औलादों के बारे में जानकारी दें.”
सलमान खुर्शीद का यह बयान कांग्रेस की मानसिकता को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है। दरअसल, कांग्रेस में जायज़ और नाजायज़ औलादों का चलन बहुत पुराना है। कांग्रेसियों की अय्याशियों और उनकी रंगीन मिज़ाजी के चर्चे विदेशों तक मशहूर हुए हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू के लेडी माउंटबेटन से इश्कबाज़ी ने भारत के बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जवाहरलाल नेहरू की रँगीनमिजाजी की चर्चाएं भारत से लेकर ब्रिटेन तक चर्चित रही हैं। उसके बाद उनकी बेटी और भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के विषय में तो खुद जवाहरलाल नेहरू के सचिव एम.ओ. मथाई की किताब “Reminiscences of the Nehru Age” में बहुत कुछ लिखा गया। इंदिरा गांधी के अवैध सम्बंध अपने पिता के सचिव एम ओ मथाई सहित, धीरेंद्र ब्रह्मचारी, दिनेश सिंह और एक मुस्लिम मौहम्मद यूनुस से भी बताए जाते हैं।
इंदिरा गांधी को शांति निकेतन विश्वविद्यालय से गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें उसके दुराचरण के लिए बाहर कर दिया था।
के.एन.राव की पुस्तक “नेहरू राजवंश”
(10:8186092005 ISBN) में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है संजय गांधी फ़िरोज़ गांधी का पुत्र नहीं था,जिसकी पुष्टि के लिए उस पुस्तक में अनेक तथ्यों को सामने रखा गया है। मोहम्मद यूनुस ही वह व्यक्ति था जो संजय गाँधी की विमान दुर्घटना के बाद सबसे ज्यादा रोया था।
यूनुस की पुस्तक ”व्यक्ति जुनून और राजनीति” (persons passions and politics) (ISBN-10 : 0706910176) में संजय गांधी को लेकर बहुत स्पष्ट लिखा हुआ है। कौन नहीं जानता कि सच क्या है, लेकिन दिल बहलाने को ग़ालिब यह ख़्याल अच्छा है।
सलमान खुर्शीद साहब शायद कांग्रेस के दिग्गज नेता और अपनी रँगीनमिजाजी के लिए मशहूर स्व. पंडित नारायण दत्त तिवारी के विषय में भी बताना भूल गए, जिनके DNA की जांच के बाद उनके “सुपुत्र” का पता चला था। अभी तो यह भी स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस के इस “रंगीन हमाम” में कौन-कौन नंगा हुआ है। शशि थरूर साहब की अय्याशी के किस्से किसने नहीं सुने। कांग्रेस के ही एक नेता थे संजय सिंह, जिनका नाम तब बहुत उछला था जब 27 अगस्त 1988 को एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बैडमिंटन खिलाड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यहां यह समझना जरूरी है कि संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह इस बैडमिंटन खिलाड़ी की पत्नी थीं।
अब इन और इन जैसे तमाम कांग्रेसी नेताओं की अगर कुंडली खंगाली जाए तो न जाने कितनी वैध और अवैध संतानों का बायोडाटा सामने आएगा। किस-किस का नाम सूची में दर्ज होगा। कहना मुश्किल है।
सलमान खुर्शीद साहब एक बेहद सुलझे हुए और सम्मानित नेता हैं, उनके मुखारविंद से इस तरह के “सी ग्रेड” बयान शोभा नहीं देते और वह भी तब जबकि खुद उनकी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों के घरौंदे शीशे के बने हों।
वैसे गर सलमान खुर्शीद साहब वैध और अवैध संतानों का ब्यौरा चाहते ही हैं तो फिर शुरुआत भारत के प्रथम प्रधानमंत्री से ही कर लेनी चाहिए। आख़िर जनता को भी तो पता चले कि भारत में किस मंत्री की कितनी जायज और कितनी नाजायज़ औलादे हैं।
अलबत्ता जो भारत में रहकर भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, उनका नाम तो नाजायज औलाद की सूची में ही आना चाहिए।
🖋️ *मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”*
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