महात्मा गाँधी ने कहा था- “प्रत्येक व्यक्ति को मन, कर्म और वचन से अहिंसा का पालन करना चाहिए”. लेकिन महात्मा गाँधी को अपना ब्रांड एम्बेसडर बताने वाली और उनके आदर्शों को अपनाने का दिखावा करने करने वाली कांग्रेस मन, कर्म और वचन तीनों से ही अहिंसा को त्यागकर अनैतिकता और हिंसा पर उतर आई है. कांग्रेस की यह घिनौनी सूरत और सीरत आज पूरी दुनिया के सामने आ चुकी है. अपने आपको स्वतन्त्रता आन्दोलन का “हीरो” बताने वाली कांग्रेस आज इस देश को “मुगलों के पप्पू” का गुलाम बनाने का हरसम्भव प्रयास कर रही है. इसके लिए कांग्रेस ने नैतिकता और मानवीय मूल्यों को भी ताक़ पर उठाकर रख दिया है. दरअसल कांग्रेस का असली मकसद इस देश में “मुगल पप्पू राज” स्थापित करने का है और इसके लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. पहले कांग्रेस ने संघ का विरोध किया, फिर हिन्दुओं का विरोध किया और अब वह सीधे-सीधे राष्ट्र विरोध पर उतर आई है और उसने राष्ट्रभक्तों का अपमान करना शुरू कर दिया है.
इसी क्रम में कांग्रेस सेवादल प्रकोष्ठ ने एक किताब लांच की “वीर सावरकर कितने ‘वीर’?” जिसमें महान राष्ट्रभक्त, ओजस्वी वक्ता, हिन्दू शिरोमणि, मुखर कवि और लेखक आदरणीय वीर सावरकर के विषय में घोर अपमानित शब्दों का प्रयोग किया गया है. इस किताब में सावरकर जी और नाथूराम गोडसे के रिश्ते को लेकर बेहद घिनौनी शब्दावली का प्रयोग किया गया है.डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ का जिक्र करते हुए इसमें लिखा है, ‘ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है. यह समलैंगिक संबंध थे. उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर. सावरकर अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसाते थे. इस किताब के अनुसार सावरकर बलात्कारी भी थे, किताब के १४ वें पन्ने पर एक सवाल के जवाब में लिखा गया है कि सावरकर ने बलात्कार को एक न्यायसंगत राजनैतिक हथियार बताया था. सावरकर धर्म विशेष की महिलाओं की औरतों के साथ किये गए बलात्कार को उचित मानते थे. कांग्रेस सेवादल इस किताब को पूरे भारतवर्ष में बांटने का कुत्सित प्रयास कर रही है. इससे पहले राहुल गाँधी ने भी सावरकर को अपमानित किया था. (देखिये वीडियो) कांग्रेस ने यह साबित कर दिया कि वह न केवल भाजपा, संघ बल्कि सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद की विरोधी है. इटली के गोरों की कांग्रेस पार्टी सत्ता के मोह में इस हद तक गिर जाएगी यह कोई सोच भी नहीं सकता था.
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि महान हिंदूवादी नेता सावरकर और नाथूराम गोडसे दोनों ही ब्राहमण थे. भारतवर्ष के प्रथम प्रधानमन्त्री और गाँधी परिवार के आदर्श जवाहरलाल नेहरू अपने नाम के पहले पंडित लगाया करते थे, उनका पूरा नाम आज भी पंडित जवाहरलाल नेहरू के रूप में लिखा जाता है. लोकसभा चुनाव २०१९ से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश-विदेश में “पप्पू” के नाम से मशहूर राहुल गाँधी को भी “जनेऊधारी ब्राह्मण” के रूप में लांच किया गया था. अभी हाल ही में कांग्रेस के पप्पुओं ने यह अफवाह भी फैलाई थी कि भाजपा विशेषतः मोदी और योगी ब्राह्मण विरोधी हैं. कांग्रेस और उसके पिट्ठुओं ने आरक्षण को हथियार बनाकर ब्राह्मणों और दलितों के बीच खाई खोदने का षड्यंत्र भी रचा था. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी कांग्रेस ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करने में सफल नहीं हो सकी. इसलिए कांग्रेस अब घिनौनी और बेहूदी हरकतों पर उतर आई है और उसने ब्राह्मणों के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचने और उनके महापुरुषों के घोर अपमान का कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है.
Related Stories
February 6, 2024