12 जून 1975 को इलाहाबाद माननीय हाईकोर्ट के कमरा नम्बर 24 में तत्कालीन जज श्री जगमोहन लाल सिन्हा बने “इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण” मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस की सबसे सशक्त नेता इंदिरा गांधी को चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी और संसाधनों के दुरुपयोग का दोषी मानते हुए श्रीमती इंदिरा गांधी पर 6 साल तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के आदेश दिए थे।
*हाईकोर्ट के इस आदेश से बौखलाई कांग्रेस की इस बेताज बादशाह और तानाशाह नेता स्व. इंदिरा गांधी ने संविधान के मूल्यों और उसूलों को ताक पर रखते हुए, न्यायपालिका पर जनता के विश्वास का गला घोंटते हुए 25 जून 1975 को देशभर में आपातकाल घोषित कर दिया था।*
*आज उसी कांग्रेस की नेता और स्व. इंदिरा की पुत्रवधू श्रीमती सोनिया गांधी जब 2019 लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया पर संदेह जताती हैं और यह कहती हैं कि कांग्रेस संविधान के मूल्यों और उसूलों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है, तब यह अजीब नहीं लगता बल्कि एक कहावत याद आ जाती है, “छाज बोले सो बोले, छलनी बोले जिसमें 72 छेद”.*
*-मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”*