चांदपुर शहर की राजनीति में यूं तो कई महिलाओं ने अपने भाग्य आजमाएं हैं जिनमें वर्तमान विधायक महोदया श्रीमती कमलेश सैनी, भाजपा नेत्री श्रीमती कविता चौधरी के अलावा वर्तमान चेयरपर्सन श्रीमती फ़हमीदा बेग़म, भूतपूर्व चेयरपर्सन श्रीमती शादाब अंजुम, पूर्व चेयरपर्सन श्रीमती पठान सहित निशात अंजुम, रेशमा खान सहित कई और नाम प्रमुख हैं।
लेकिन निशात अंजुम को छोड़कर किसी अन्य मुस्लिम महिला ने केवल अपने दम पर राजनीति नहीं की है, उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए अपने दम पर दावेदारी ठोंकी थी, हालांकि उन्हें केवल 92 वोट ही मिल पाए थे। यहां एक बात गौर करने वाली यह है कि निशात अंजुम ने ओवैसी की पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, बावजूद उसके उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई थी। परन्तु यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उनका चुनाव केवल उनके खुद के चेहरे पर ही लड़ा गया था, उनके नाम के साथ किसी दूसरे का नाम नहीं जुड़ा था।
इस बार राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि एक और युवा मुस्लिम महिला खासी चर्चा में हैं जो कि सम्भवतः इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा सकती हैं। यद्यपि उनके करीबियों का मानना है कि उनका वास्तविक लक्ष्य आने वाले नगरपालिका अध्यक्ष के पद पर दावेदारी ठोंकने का है। सुनने में तो यहां तक भी आया है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के टिकट पर भी उनकी पैनी नज़र है। अब इसमें कितना सच और कितनी अफवाह है, यह कहना थोड़ा मुश्किल सा है।लेकिन एक बाद तय है कि इन युवा मुस्लिम महिला महोदया का पारिवारिक बैकग्राउंड और महिलाओं के उत्थान के लिए लगातार उनके बढ़ते प्रयासों को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कुछ तो है जिसकी पर्देदारी है।
बहरहाल, जहां तक हमारी विचारधारा का सवाल है तो उम्मीद है कि इस बार कुछ तो ऐसा होने वाला है जिसकी ख़बर आपको या हमें नहीं है।