मिका थी और उसके साथ ही भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की कुटिनीतिक चालों ने पाकिस्तान की समस्त रणनीतियों को ध्वस्त कर दिया था।
इस समय पाकिस्तान की हालत बहुत बुरी है, वहां महंगाई, बेरोजगारी, ग़रीबी और आतंकवाद अपनी चरम सीमा पर हैं। पाकिस्तान की अधिकांश आबादी दो जून की रोटी के लिए भी तरस रही है। कुल मिलाकर इस समय पाकिस्तान अपने ही खुद के खोदे हुए गड्ढे में गिरने को तैयार बैठा है, जरूरत केवल उसे एक हल्का सा धक्का देने की है।
सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर आर. पी सिंह द्वारा लिखित एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में छपे एक लेख में लेखक लिखता है कि पाकिस्तान टूट की कगार पर खड़ा है, जिसमें बलूच और सिंधियों का एक बड़ा वर्ग पाकिस्तान से अलग होना चाहता है। बलूच जहां बलूचिस्तान की मांग कर रहे हैं, तो सिंधियों ने 1971 के युद्ध के बाद से ही सिधुदेश की मांग उठा दी थी, जो अब तक बदस्तूर चल रही है। उधर खैबर पख्तूनख्वा के पठान भी अफगानिस्तान से विलय के लिए जूझ रहे हैं। इस प्रकार पाकिस्तान चार मोर्चों पर लड़ रहा है। एक तरफ बलूच, दूसरी तरफ, सिंधी, तीसरी तरफ पठान और चौथी ओर से ग़ुलाम कश्मीर में भी लगातार विद्रोह की आवाजें आ रही हैं।
ब्रिगेडियर आर. पी सिंह लिखते हैं कि अमेरिका में सामरिक रणनीतिकारों का एक बड़ा वर्ग पाकिस्तान के टुकड़े करने की हिमायत करता है। इसमें बलूचिस्तान को स्वतंत्र देश के बनाने के अलावा खैबर पख्तूनख्वा और फाटा के इलाकों का अफगानिस्तान में विलय की बात होती है जिससे पाकिस्तान केवल सिंध और पंजाब तक सीमित रह जाये। लेखक का मानना है कि भारत को चाहिए कि वह अमेरिका की इस योजना को अमलीजामा पहनाने में यथाम्भव मदद करे।
यह सही भी है क्योंकि दुश्मन को कमज़ोर करने के लिए उसकी ताक़त को तोड़ना बेहद जरूरी हो जाता है। भारत को चाहिए कि वह अमेरिका और इजरायल से अपने रिश्तों को और अधिक मज़बूत करे। साथ ही जिस प्रकार से भारत में पेयजल की समस्या बढ़ी है और कृषि कार्यों के लिए भी जल की अधिकाधिक आवश्यकता हो रही है, उसको देखते हुए भारत-पाकिस्तान सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार करना होगा। भारत को चाहिए कि वह अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात को रखे औऱ पाकिस्तान पर दबाव बनाए कि वह कश्मीर में दखल देना बंद करे।
अब समय आ गया है जब मोदी सरकार को उन्हीं रणनीतियों को अपनाना होगा जिनपर चलते हुए भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को भारत से अलग किया था। पाकिस्तान एक दो मुंहा सांप है जो एक मुहं से दूध पीता है तो दूसरे मुहं से ज़हर उगलता है। भारत को चाहिए कि वह उसको दूध पिलाना बंद करे और उसके फनों को कुचलने के लिए एक बेहतर रणनीति तैयार करे। इसके लिए भारत को अमेरिका और इजरायल जैसे देशों के भरोसे को जीतना होगा।
*-मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”*