मेरे कुछ मित्र जानना चाहते हैं कि जब हमारे प्रधानमंत्री महोदय कहते हैं कि भारत-चीन बॉर्डर पर कोई दिक्कत नहीं है तो आखिर किस कारण से हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए आखिर विवाद क्या और क्यों है?
मैं ऐसे तमाम लोगों को बताना चाहता हूं कि- विवाद इस बात का है कि कोरोना के कारण चीन में लगभग 1 करोड़ लोग मारे गए हैं, चीन में उईगर मुस्लिम समुदाय के लोगों को ग़ुलाम बनाकर रखा जा रहा है, चीन विश्व में पहले नम्बर की महाशक्ति बनना चाहता है, पाकिस्तान और नेपाल सरकारों ने चीन के समक्ष घुटने टेक दिए हैं, पाकिस्तान तो पूरी तरह से चीन का गुलाम बन चुका है, इमरान खान चीन का वफ़ादार कुत्ता बन गया है और उसके सारे मंत्री-सन्तरी चीनियों के समक्ष दुम हिलाते घूमते हैं।
1962 में जिस प्रकार तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चीन के समक्ष आत्मसमर्पण सा कर दिया था, और हमारी 43000 वर्ग किमी भूमि को कब्ज़ा लिया था और उन्हीं कांग्रेसियों के आकाओं के परिवार के लोग जिस प्रकार से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ MOU मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग का एग्रीमेंट बनाकर आये थे और वामपंथी जो कि चीन के मानसिक ग़ुलाम हैं, खाते हमारा हैं और गाते चीन का हैं, इन सबको साथ लेकर चीन भारत की भूमि पर अवैध कब्ज़ा करना चाहता है।
दरअसल इस देश में जाकिर हुसैन जैसे कई ग़द्दार कांग्रेसी और वामपंथी नेता चाहते हैं कि भारत के टुकड़े हों, और भारत कमज़ोर हो जाये। पाकिस्तान के टुकड़ों पर पलकर 72 हूरों की चाहत में यह अय्याश हमेशा भारत को गुलाम बनता हुआ देखना चाहते हैं।
दरअसल ये वह लोग हैं जो समझते हैं कि भारत पर उनके बाप मुगलों ने शासन किया था और भारत की जनता उनके जरखरीद ग़ुलाम थी, है और रहेगी। यह भारत के वफादार नहीं हैं बल्कि भारत के दुश्मनों के पले हुए कुत्ते हैं जो हमेशा अपने आकाओं के लिए भौंकते हैं।
जिन्नावादी मानसिकता औऱ माओवादी मानसिकता के गुलाम यह चंद ग़द्दार चीन को हौवा बनाकर पेश कर रहे हैं। चीन पूरी दुनिया से अलग- थलग हो चुका है, पूरा विश्व जानता है कि चीन ही कोरोना महामारी का जनक है। अमेरिका और रूस विश्व की महाशक्ति हैं और बने रहना चाहते हैं लेकिन वह कोई भी युद्ध अपनी ज़मीन पर नहीं लड़ना चाहते हैं। ऐसे में भारत उनके लिए युद्ध का मैदान है। वह जानते हैं कि भारत अपनी सम्प्रभुता, एकता और अखंडता से कभी समझौता नहीं करेगा और एशिया में भारत ही एक अकेला ऐसा देश है जो सीधे-सीधे चीन को चुनौती दे सकता है।
एक और बात, वह यह कि चीन की जनसंख्या के अनुपात में वहां पर खेती योग्य भूमि बहुत कम है, इसलिए उसको उपजाऊ ज़मीन की आवश्यकता है जो उसे भारत में मिल सकती है।
लद्दाख भारत का मुकुट है और हम अपना मुकुट किसी को नहीं दे सकते हैं। जो लोग पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन के टुकड़ों पर पल रहे हैं वही हमारी सेना औऱ सरकार पर अनर्गल सवालिया निशान लगा रहे हैं। आज भारत में रहने वाला हर सच्चा देशभक्त सरकार और सेना के साथ खड़ा है, और हमेशा खड़ा रहेगा। आज हर सच्चा मुसलमान अब्दुल हमीद है औऱ हर हिन्दू महाराणा प्रताप।
जयहिंद, जयभारत
-मनोज चतुर्वेदी शास्त्री
9058118317