विद्यालय शिक्षा का मंदिर होते हैं, जहां पर विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से सदाचार और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है, ताकि वह एक आदर्श समाज की स्थापना कर सकें।
चरित्र निर्माण में शिक्षा की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसीलिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि हम आज की पीढ़ी को किस प्रकार की शिक्षा दे रहे हैं, और कम से कम भारतीय संस्कृति और सभ्यता में तो शिक्षा को ही एकमात्र विकल्प माना जा सकता जो समाज में शान्ति, सदाचार और सामंजस्य स्थापित कर सके।
लेकिन यदि हमारी शिक्षा ही व्यभिचार और अनैतिकता का पाठ पढ़ाएगी तो समाज में विकृति ही फैलेगी। ऐसे समाज में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जा सकती है।
कल एक दैनिक राष्ट्रीय समाचार-पत्र में छपे एक समाचार के अनुसार चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय में बीए प्रथम वर्ष के अंग्रेजी पाठ्यक्रम में जिन कहानियों को शामिल किया गया है वह भारतीय संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने में पूर्णतया सहायक सिद्ध होंगी। अखबार के अनुसार इस पाठ्यक्रम में कुछ ऐसी कहानियों को शामिल किया गया है जो युवाओं को व्यभिचार और अनैतिक सम्बन्धों के लिये प्रेरित करता है।
उदाहरण के लिए इसमें एक कहानी “टेलेमुचस” जिसे ओ हेनरी ने लिखा है, में एक व्यक्ति अपने मित्र की पत्नी पर ही डोरे डाल रहा है, दूसरी कहानी “एन ऑफिशियल पोज़िशन” में एक पति अपनी पत्नी को इसलिए मार देता है क्योंकि वह उसके अनैतिक सम्बन्धों का विरोध करती है। एक कहानी “द वूमेन एट द स्टोर” में एक युवक एक बूढ़ी औरत से सम्बन्ध बनाता है। “हिल्स लाइक व्हाइट एलिफेंट” नामक कहानी में एक युवक एक छोटी लडक़ी का गर्भ गिराने के लिए उसे दूसरे शहर में जबरदस्ती ले जाता है। एक अन्य कहानी “पेस्ट” में यह बताने की कोशिश की गई है कि जो धोखा करता है, वही जीतता है।
जिस देश में रामायण और महाभारत जैसे महान ग्रन्थों के माध्यम से यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया है कि सत्यमेव जयते अर्थात अन्ततः सत्य की ही विजय होती है, उस देश में झूठ और धोखे को विजय का आधार बनाना क्या उचित है और क्यों?
एक तरफ़ भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार “रामराज्य” और “नए भारत” के निर्माण की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले विद्यालयों में श्रीराम और भारतीय संस्कृति की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। क्या हमारी आने वाली पीढ़ी नैतिकता और सदाचार को कभी जान पाएगी। प्रश्न तो बनता है।
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