पाकिस्तान की जनगणना (1951) के मुताबिक पाकिस्तान की कुल आबादी में 22% हिन्दू थे, जो 1998 की जनगणना में घटकर 1.6% रह गए हैं। वर्ष 1956 में पाकिस्तान का संविधान बना और पाकिस्तान प्रगतिशील और उदारवादी विचारधाराओं को त्यागकर इस्लामिक देश बन गया, और तभी से हिन्दुओं का वहां रहना दुश्वार हो गया। ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1965 से लेकर अब तक तकरीबन सवा लाख पाकिस्तानी हिन्दुओं ने भारत की तरफ पलायन किया है। आज़ादी के वक्त पाकिस्तान में कुल 428 मंदिर थे, जिनमें से अब सिर्फ 26 ही बचे हैं। पाकिस्तान में ज़्यादातर हिन्दू मंदिर या तो गिरा दिए गए, या उन्हें होटल बना दिया गया है। माइनॉरिटी राइट ग्रुप इंटरनेशनल के मुताबिक 2-8 दिसंबर, 1992 के दौरान पाकिस्तान में तकरीबन 120 हिन्दू मंदिरों को गिराया गया। पाकिस्तान में हिन्दू आबादी वहां की कुल जनसंख्या की 2% से भी कम है। पाकिस्तान में करीब 25 लाख हिन्दू आबादी है। पाकिस्तान में करीब 2% हिन्दू आबादी है जिनमे से सिंध में करीब 7%, थारकरकर जिला में करीब 35%, मिथि में करीब 80%, बलूचिस्तान में करीब 1.1%, पंजाब में करीब 1.6% और खैबर पख्तुनख्वा में करीब 0.8% हिन्दू आबादी निवास करती है। पाकिस्तान में बसे हिन्दुओं में से लगभग 96% सिंध प्रान्त में ही रहते हैं।
पाकिस्तान का मतलब है वहां की घोर कठमुल्ला पंजाबी सेना. ये सिर्फ सुन्नियों को ही पाकिस्तानी मानती है. स्वीटजरलैंड में बस गए पाकिस्तान मूल के इतिहासकार डा. इशितहाक अहमद कहते हैं कि पाकिस्तान सेना पर पंजाबियों का कब्जा है. जब तक यह खत्म नहीं होगा तब पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात सुधरने वाले नहीं है. वहां पर इस्लामिक कट्टरपन पूरी तरह से हावी हो चुका है. वहां पर पिछले महीने ही ईशनिंदा के आरोप में अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय के छात्र की हत्या का मामला सामने आया. छात्र पर हमला करने वाली भीड़ में शामिल छात्र भी विश्वविद्यालय के ही थे. जान गंवाने वाला छात्र सिर्फ 23 साल का था और उसका नाम मशाल खान है. पत्रकारिता के छात्र मशाल खान (23) को ईशनिंदा से संबंधित सामग्री सोशल मीडिया में पोस्ट करने के आरोप में मार डाला. मशाल को सेकंड फ्लोर पर स्थित हॉस्टल के उसके कमरे से खींचकर निकाला गया. इसके बाद उसे निर्वस्त्र कर पिटाई करने के बाद गोली मारी गई फिर नीचे फेंक दिया. इसके बावजूद जब तक उसकी मौत नहीं हुई भीड़ उसे पीटती रही. कहने की जरूरत नहीं कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप झेल रहे हिन्दू, सिख,ईसाई,बौद्ध,पारसी और जैन समुदाय के लोगों को प्रदर्शनकारियों को सौंप दिया गया तो उसे भी मशाल खान की तरह से मार डाला जाएगा.
पाकिस्तान के नेशनल कमिशन फॉर जस्टिस एंड पीस की वर्ष 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक 74 प्रतिशत हिन्दू महिलाएं यौन शोषण का शिकार होती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की वर्ष 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में हर महीने 20 से 25 हिन्दू लड़कियों का अपहरण होता है और ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
पाकिस्तान के नेशनल कमिशन फॉर जस्टिस एंड पीस की वर्ष 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक 74 प्रतिशत हिन्दू महिलाएं यौन शोषण का शिकार होती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की वर्ष 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में हर महीने 20 से 25 हिन्दू लड़कियों का अपहरण होता है और ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
कराची से प्रकाशित पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक अंग्रेजी समाचार पत्र ‘डान’ के दो पत्रकारों ने सिंध प्रांत के हिंदू परिवारों के दयनीय जीवन के बारे में लिखा है कि हिंदू घरों में शादी-त्यौहारों की खुशियों में शहनाइयां बज रही होती हैं कि वहां अचानक एकदम मातम छा जाता है। गुंडे उनके घरों में घुसकर जवान लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं। ऐसी ही एक घटना का वर्णन करते हुए पाकिस्तानी पत्रकारों ने बताया है कि घोटकी जिला के दहाड़की शहर में पिछले वर्ष दीवाली से एक रात पहले हरी लाल और रवीना के कहकहों और उनकी खुशी भरी किलकारियों से घर गूंज रहा था। रंग-बिरंगे रंगों से रंगोली के सुंदर चित्रण द्वारा आंगन सजाया गया था। पूरा आंगन दीपों से जगमगा रहा था, लेकिन इस दीवाली पर घर में मातम था। परिवार का दिन रोते हुए शुरू हुआ। इस दीवाली पर परिवार के बीच उनकी दो युवा बेटियां रीना और रवीना मौजूद नहीं थीं। परिवार जब होली का त्यौहार मना रहा था कि रंगों की फुहार के बदले उन पर आसमान से कहर की बिजली गिरी। गुंडे आए और दोनों बहनों को उठाकर ले गए। रीना और रवीना पर उसके बाद क्या बीती?