आप आंख के अंधे को रास्ता दिखा सकते हैं लेकिन अक्ल के अंधों को कौन रास्ता दिखा सकता है, कोई नहीं।। नादान को समझाया जा सकता है लेकिन मूर्ख को नहीं।
इस देश में जो आंख के अंधे एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश और एक आतंकवादी में फ़र्क़ ही करना नहीं जानते, उन नादानों को समझाने का प्रयास कर रहा हूँ।
आतंकवादी वह है जो क्रूर, लुटेरे मुगल आक्रान्ताओं के नक़्शे कदम पर चलकर भारत को फिर से ग़ुलाम बनाने का अरमान लिए है, आतंकी वह है जो गजवा-ए-हिन्द का सपना देखता है, आतंकी वह हैं जो 72 हूरों के साथ अय्याशी करने के लिए निर्दोष और मासूम लोगों की हत्या कर देते हैं, आतंकी वह हैं जो अफजल गुरु की मौत पर शर्मिंदा हैं और जिन्नावाली आज़ादी की मांग करते हैं, आतंकी वह हैं जो हमारे वीर जवानों की शहादत पर आतिशबाजियां और मिठाईयां बांटते हैं लेकिन सीरिया में होने वाले कत्लेआम पर मातम मनाते हैं, आतंकी वह है जो बांग्लादेशी घुसपैठियों रोहिंग्या और हमारे कट्टर दुश्मन पाकिस्तानियों की वक़ालत करते हैं।
*आतंकवादी प्रत्येक वह व्यक्ति/संगठन/समाज है जो हमारे देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता के लिए खतरा है अथवा ऐसी विदेशी ताकतों जैसे (पाकिस्तान, चीन) के साथ प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से खड़ा है।*
हिस्ट्रीशीटर बदमाश समाज और कानून के लिए खतरा हैं, लेकिन आतंकी पूरे देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता के लिए खतरा है।
अक्ल के अंधों की समझ में अब भी कुछ नहीं आया होगा, मुझे पूरा यकीन है।
*-मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”*
सही
Dhnyvad