राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ उपखंड में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ने की सूचना मिली है।
ख़बर है कि अशोक गहलोत सरकार ने विकास की आड़ में हिंदुओं की आस्था और विश्वास पर बुल्डोजर चला दिया और एक प्राचीन शिव मंदिर को खंडित कर दिया।
अशोक गहलोत ने महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक संघर्ष को पाठ्य पुस्तकों से हटाया
मुगलिया कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह पहला कारनामा नहीं है।
अशोक गहलोत सरकार ने मुगलिया कांग्रेस के आदर्श “द ग्रेट अकबर” (जो कि वास्तव में एक लुटेरा, क्रूर हत्यारा और अय्याश था) कि चरणवन्दना करते हुए महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक संघर्ष को पाठ्य पुस्तकों से हटा दिया था। और महाराणा प्रताप और उनके घोड़े चेतक की वीरता के किस्सों को भी काट-छांट कर कम से कम कर दिया था।
अशोक गहलोत ने सालासर धाम का गेट गिरवाया
इसी गहलोत सरकार ने अलवर के राजगढ़ से पहले जो चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में भी राम मंदिर (सालासर धाम) के गेट को रातोंरात गिरा दिया था। मस्जिद के गेट के गिरने पर छाती पीटने वाली मुगलिया कांग्रेस के नेताओं ने गहलोत सरकार की इस बेशर्मी पर चुप्पी साध।ली थी।
थाना परिसरों में मंदिर निर्माण पर रोक लगवाई
राजस्थान में मुगलिया कांग्रेस की गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश के थानों और पुलिस कार्यालयों में मंदिरों के निर्माण पर रोक लगाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया था।
गाय पालने पर करीब-करीब रोक लगा दी
एक और तुगलकी फरमान के तहत सरकार ने शहरों में गाय पालने पर करीब-करीब रोक लगा दी. सरकार के नये फरमान के अनुसार आप शहर में सिर्फ एक गाय या भैंस पाल सकते हैं. लेकिन इसके लिये लाइसेंस और पशुबाड़ा समेत इतनी शर्तें थोप दी गई है कि 90 फीसदी लोगों के लिए उनकी पालना करना मुमकिन ही नहीं है.
कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील ठोकेंगे गहलोत
मुगलिया कांग्रेस के फरमाबरदार अशोक गहलोत की पवित्र मंदिरों और गौमाता विरोधी मानसिकता को देखते हुए, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि गहलोत मुगलिया कांग्रेस के औरंगजेब हैं।
हिन्दू विरोधी और इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा को पुष्पित-पल्लवित करने में गहलोत ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी है। तुष्टिकरण की राजनीति करने की सभी सीमाएं लांघने वाले गहलोत अब खुलकर हिंदुओं की आस्था और विश्वास को रौंदने लगे हैं। अपनी आखिरी साँसे गिन रही मुगलिया कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने वाले अशोक गहलोत ही होंगे, ऐसा हमें विश्वास है।
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