उन्होंने आगे कहा कि CAA (नागरिकता संशोधन कानून) और NRC (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) जैसे भेदभावपूर्ण कानून लाकर मोदी सरकार इस देश को हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई के रूप में बाँटना चाहती है, जबकि हम सब केवल “भारतवासी” के रूप में अपनी पहचान चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार अगर हमारी सुरक्षा और देश की रक्षा के लिए कोई कदम उठाती है तो उसका हम हृदय से स्वागत करते हैं. लेकिन बेहतर होगा कि मोदी सरकार “सबका साथ-सबका विश्वास” के अपने नारे को अमलीजामा भी पहनाये और तमाम मुस्लिम नेताओं और हमारे उलेमा-दीन के साथ अपनी नीति-नियमों को साझा करें ताकि अगर कोई ग़लतफ़हमी मुस्लिम समुदाय और सरकार के बीच है तो वह शांतिपूर्ण ढंग से दूर की जा सके.
उन्होंने देश विशेषकर बिजनौर जिले की जनता के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने जायज हक के लिए लड़ाई लड़ने और अपनी जायज बात को रखने का हक सभी को है, लेकिन आन्दोलनरत लोगों को चाहिए कि वह अपने रसूल की हिदायतों पर अमल करते हुए अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके और संविधान के दायरे में रखते हुए भारत सरकार के सामने रखें और कानून व्यवस्था को कायम रखकर पूरी दुनिया को शांति व भाईचारे का संदेश दें.
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