एक महान आत्मा श्री मोदी का विरोध करते-करते तुम कब देशविरोध पर उतर आए तुम्हें पता ही नहीं चला। तुमने इस देश पर आक्रमण करने वालों को अपना रहनुमा मान लिया हम ख़ामोश रहे, तुमने हमारे देश का बंटवारा कर लिया हम फिर भी ख़ामोश रहे, तुमने सेक्युलरवाद की आड़ में अपना एजेंडा चलाया हम फिर भी खामोश रहे, तुमने कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम कर उन्हें घर से बेघर कर दिया हम तब भी खामोश रहे, तुमने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मस्थल पर अपना कब्ज़ा जमा लिया हम ख़ामोश रहे, तुमने खुलेआम भारत के टुकड़े-टुकड़े होने की दुआ मांगी हम ख़ामोश रहे, तुमने हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान की जिंदाबाद के नारे लगाए हम ख़ामोश रहे, तुमने शाहीन बाग़ बनाये और देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के ख़िलाफ़ ज़हर उगला हम ख़ामोश रहे, तुमने खुलेआम देश को तोड़ने की धमकियां दीं हम ख़ामोश रहे, तुमने खुलेआम अफजल गुरु, कसाब और बुरहान वानी जैसों आतंकियों को अपना हीरो माना और हमारे वीर जवानों पर पत्थर फेंके हम ख़ामोश रहे, तुमने हमारे बहादुर जवानों की खिल्लियां उड़ाईं उनकी मुख़ालफ़त की हम ख़ामोश रहे, तुमने इस देश के 100 करोड़ हिंदुओं को 15 मिनट में काटने की धमकी दी हम ख़ामोश रहे, तुमने इस देश में महामारी फैलाने की हर मुमकिन कोशिश की हम ख़ामोश रहे, तुम खुलेआम हमारे देवी-देवताओं को गालियां देते रहे हम ख़ामोश रहे, तुमने हमेशा हमें दर्द दिया है और अब भी कहते हो कि हम तुमसे भेदभाव कर रहे हैं।
हम कब तक ख़ामोश रहेंगे, हर ईंट का जवाब अब पत्थर से मिलेगा। तुम 10 कदम चलोगे तो हम एक कदम बढ़ेंगे, तुम 1 कदम पीछे हटाओगे तो हम 100 कदम पीछे हट जाएंगे।
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